अभी अभी पी है शराब
अभी अभी पी है शराब नशा उतरने दे
फिर करूंगा तुमसे बात नशा उतरने दे
दिल आश्काना है और फिर ये मदहोशी
फिर न कहना कुछ जनाब नशा उतरने दे
मुक्तसर आवेश है ये कोई मुसल्ल नही
बदल जायेंगे तेरे जज्बात नशा उतरने दे
गम के अंधेरों से तो निकल जाउं मै
फिर पकड़ना मेरा हाथ नशा उतरने दे
milap singh
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