इसकी गहराई को भला
कब कोई भांप पाया है
अथाह है प्यार का समुंदर
इसे कौन माप पाया है
खुद खिंचता ही गया है फिर
चुम्बक की तरह इसकी ओर
अनजाने में ही बेशक
जो भी इसके पास आया है
----- मिलाप सिंह भरमौरी
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इसकी गहराई को भला
कब कोई भांप पाया है
अथाह है प्यार का समुंदर
इसे कौन माप पाया है
खुद खिंचता ही गया है फिर
चुम्बक की तरह इसकी ओर
अनजाने में ही बेशक
जो भी इसके पास आया है
----- मिलाप सिंह भरमौरी
चाय की चुस्की और बिस्कुट का स्वाद
इस तरह हो रहा है नए दिन का आगाज
कुछ खास मिले दोस्तों कामयाबी आज
इस उम्मीद के साथ सबको शुभ प्रभात
जमीन का टुकडा पास नहीं है
और नौकरी भी कोई हाथ नहीं है
बनाएंगे क्या कल सुबह नाश्ता
इस चिंता में कटती रात नहीं है
बहुत बडे वर्ग का हाल है ऐसा
बस दो चार की यह बात नहीं है
इसका कारण क्या है पता नहीं पर
कहते हैं कि किस्मत साथ नहीं है
हर मजहब में ही यह बसती है
गरीबी की कोई खास जात नहीं है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
कि हर घडी असूल में ही
दोस्त न तुम जिया करो
कभी कभी नादानियां भी
कुछ तो तुम किया करो
कि वक्त से बडा कोई यहाँ
इलाज मरहम इलम नहीं
कुछ सवालों के जवाब तुम
वक्त पर ही छोड दिया करो
बहुत खेल चुका है प्रकृति से मानव
इसलिए अब प्रकृति मानव से खेल रही है
बांध के पानी हिमालय का अनियंत्रित
मानवता केदारनाथ सी समस्या झेल रही है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
आज अम्बर में बादल छाए है
बारिश के कुछ आसार लग रहे हैं
हो जाए तो बहुत अच्छा है वरना
पंखे कूलर भी अब अंगार लग रहे हैं
पसीने से तर कपडे और यह मच्छर
उसपे लाइट के कट बार बार लग रहे हैं
कितने अच्छे होते हैं वो सर्दी के दिन
यह दिन सचमुच कितने बेकार लग रहे हैं
हौसले को हवा दे इसे हताश न कर
बेकार रखकर खुद को लाश न कर
अंजाम कब्र से ज्यादा कुछ भी नहीं
गलतफहमी में खुद को खास न कर
खत्म हो जाए न अंदर की हवा सब
कि इस कदर भी लम्बी सांस न भर
जो करते हैं मेहनत नाकाम भी होते है
नाकामियों से खुद को उदास न कर
------- मिलाप सिंह भरमौरी
पक्के मकान सबसे ज्यादा टूटे
और झौंपडो को कोई आंच न आई
ये भूकम्प के बाद के आंकडे है
कच्चे मकान रहे दूजे नंबर पर भाई
---- मिलाप सिंह भरमौरी
कबूल करना दोस्तों कि
दे रहा हूँ मैं दिल से दुआ ।
सबके लिए मंगलमय हो
आज की प्यारी सी सुबह ।
----- मिलाप सिंह भरमौरी
सभी मित्रों को दिल से शुभप्रभात
बडी अजीब है यह चीज
जिसका नाम वक्त होता है
यह कभी नरम होता है
और कभी सख्त होता है
अगर वेअसर हो कोई जो
इसकी हर एक हरकत से
उसके हिस्से में ही तो 'मिलाप'
ताज और तख्त होता है
----- मिलाप सिंह भरमौरी
Hindi shayari
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जब भी धरती प्यास से तडफती है
तो आसमान में बिजली गरजती है
फिर पसीज जाता है बादल का दिल
और छम छम के बारिश बरसती है
Jab bhi dharti pyas se tadfti hai
To aasman me bijali garjti hai
Fir paseej jata hai badal ka dil
Or cham cham k baris barsti hai
----- milap singh bharmouri
बादल न रोक पाएंगे
पानी को अपने पास
आंखें न रोक पाएंगी
आंसू को अपने पास
शिद्दत कितनी है यहां
किसी की प्यास में
छम से बरस जाएगें
जब होगा उन्हें एहसास
------- मिलाप सिंह भरमौरी
लौट जाती है आकर के
समुंदर की लहरें
फिर भी कुछ पलों को तो
यह खूबसूरत कर जाती है
मुझे पता है कि तू
नहीं मिल पाएगी मुझे पर
फिर भी तेरी इक झलक
दिल में खुशियाँ भर जाती है
------- मिलाप सिंह भरमौरी
यह दुनिया तो बडी खूबसूरत है
फिर किस लिए उदास हो तुम
कुछ नहीं कर पाएगा अंधेरा
तुम्हें पता नहीं चिराग हो तुम
खुद कदम चूमेगी मंजिल तेरी
बस कदम उठाने की ही है देरी
हर बुलंदी जिसके नीचे होगी
वो खूबसूरत हसीन ताज हो तुम
---------- मिलाप सिंह भरमौरी
सौ सूरज की रोशनी है
इक तेरे चेहरे में
बेवजह नहीं तुम पर
सबका ध्यान जाता है
फिर भी अंजान हो
अपनी खूबसूरती से तुम
इसलिए ओर भी तुम हो पर
प्यार आता है
------- milap singh bharmouri
अपने हालात के बारे में
मैं जब भी सोचता हूँ
भूल जा उसको तू अब
अपने दिल से बोलता हूँ
नजरअंदाज कर देता हूँ
इजहार - ए- मौहब्बत को
अपने जज्बातों को बेबसी की
मिट्टी में रोलता हूँ
------ milap singh bharmouri
Hindi shayari
पहले - पहल बनाते हैं
मंदिर- मस्जिद या मजार
पीछे से कर देते हैं शुरू
शातिर लोग अवैध निर्माण
----- मिलाप सिंह भरमौरी
Hindi shayari
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बस मुड के देख लो इक बार मेरी तरफ
दिल के कोने कोने में बहार आ जाएगी
आवाद हो जाएगा खुशियों का गुलशन
खिजां में जब भी तेरी याद आ जाएगी
गम न होगा नाकामियों का जरा भी फिर
असर न कर पाएंगे फिर यह नासूर मेरे
देखकर मरहम तेरी मौहब्बत का सनम
किस्मत मुझे सताने से बाज आ जाएगी
------- milap singh bharmouri
जिद्द हद में ही अच्छी है
इसे बेहद किया नहीं करते
थोडी की कोई बात नहीं
ज्यादा मगर पिया नहीं करते
परवाह करनी पडती है कुछ
जमाने वालों की भी दोस्त
बस अपने ही असूलो पर
हमेशा जिया नहीं करते
------- milap singh bharmouri
हासिल तुमने भी क्या किया
मेरे दिल को तोडकर
चली गई शौहरत के लिए
मुझे गुरबत में छोडकर
मैं था तेरी झलक का प्यासा
इक भंवरे रिंद जैसा
तेरे लिए रुकता था मैं
कितनी देर तक उस मोड पर
------- मिलाप सिंह भरमौरी
बस इक सत्ता की चाह में
उसने मुल्ख का
करवा दिया था बंटवारा
वरना वो भी तो कहता था
सारे जहाँ से अच्छा
हिन्दोसितां हमारा
------ मिलाप सिंह भरमौरी
तन से पसीने का
दरिया बहने लगता है
जब भी बिजली का
कट लगता है
उसको तो हर सहूलत
मयस्सर है
वो कहाँ दर्द हमारा
समझता है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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रात भर बादल गरजते बरसते रहे
हम तन्हा दिवारों में तरसते रहे
कोई लेकर न आया शबनम की बूंदें
हम प्यासे के प्यासे तडफते रहे
और करते भी क्या लाचारी में हम
बस बर्बादी पे अपनी हम हंसते रहे
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
Hindi shayari
देखता रह जाता हूँ मैं
बस तेरे चेहरे को
इस दुनिया की हकीकत को
और खुदा के राज गहरे को
इस तरह होती है हलचल
दिल में तेरे आने से
कि जैसे ने हिला दिया हो कंकर से
किसी ने ठहरे पानी को
------ मिलाप सिंह भरमौरी
बेवजह गमगीन बना लेते हैं
जिंदगी को लोग
वरना यह दुनिया तो बडी
खूबसूरत है
फिर हर शय में खुशी दिखाई
देगी तुम्हें
बस अपना नजरिया ही तो
बदलने की जरूरत है
------- मिलाप सिंह भरमौरी
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जिस दिन तुमसे न बात हो
यह दिल उदास हो जा ता है
बहुत दूर निकल चुका गम
फिर से पास हो जाता है
अजीब सकून मिलता है फिर
बस इक तेरे करीब होने से
तेरी दो चार बातों से ही मुझे
जन्नत का एहसास हो जाता है
--------- मिलाप सिंह भरमौरी
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तेरी हर एक अदा अब
इस दिल को प्यारी लगती है
यह झुकी हुई नजर भी तेरी
कितना कुछ मुझसे कहती है
खामोश लबों के लफ्जों को भी
यह दिल झट से पढ लेता है
इस जिस्म की रग रग में अब
तेरे प्यार की नदिया बहती है
--------- मिलाप सिंह भरमौरी
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खो कर तेरी आँखों में
मैं सब कुछ भूल जाता हूँ ।
तू साथ हो तो जैसे
जन्नत में मैं घूम आता हूँ ।
कुछ नहीं मय मयखाना
शराब तेरे आगे अब ।
मैं तो बस तेरे होठों की
शबनम से झूम जाता हूँ ।
------ मिलाप सिंह भरमौरी