milap singh

milap singh

Thursday, 31 July 2014

प्यार का समुंदर

इसकी  गहराई  को भला
कब  कोई  भांप  पाया  है

अथाह  है  प्यार  का  समुंदर
इसे  कौन  माप  पाया  है

खुद खिंचता ही गया है फिर
चुम्बक  की  तरह  इसकी  ओर

अनजाने  में  ही  बेशक
जो  भी  इसके  पास  आया  है

      ----- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 30 July 2014

शुभ प्रभात

चाय की चुस्की और बिस्कुट का स्वाद
इस तरह हो रहा है नए दिन का आगाज
कुछ खास मिले दोस्तों कामयाबी आज    
इस उम्मीद के साथ सबको शुभ प्रभात

Tuesday, 29 July 2014

जमीन का टुकडा

जमीन का टुकडा पास नहीं है   
और नौकरी भी कोई हाथ नहीं है

बनाएंगे क्या कल सुबह नाश्ता
इस चिंता में कटती रात नहीं है

बहुत बडे वर्ग का हाल है ऐसा
बस दो चार की यह बात नहीं है

इसका कारण क्या है पता नहीं पर   
कहते हैं कि किस्मत साथ नहीं है

हर मजहब में ही यह बसती है  
गरीबी की कोई खास जात नहीं है

    ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 28 July 2014

कभी कभी नादानियां

कि हर घडी असूल में ही    
दोस्त न तुम जिया करो     
कभी कभी नादानियां भी                    
कुछ तो तुम किया करो
कि वक्त से बडा कोई यहाँ
इलाज मरहम इलम नहीं      
कुछ सवालों के जवाब तुम
वक्त पर ही छोड दिया करो

Thursday, 24 July 2014

बहुत खेल चुका प्रकृति से

बहुत  खेल चुका  है प्रकृति  से मानव
इसलिए अब प्रकृति मानव से खेल रही है
बांध के पानी हिमालय का अनियंत्रित
मानवता केदारनाथ सी समस्या झेल रही है

     ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday, 22 July 2014

बारिश के आसार

आज अम्बर में बादल छाए है
बारिश के कुछ आसार लग रहे हैं
हो जाए तो बहुत अच्छा है वरना   
पंखे कूलर भी अब अंगार लग रहे हैं     
पसीने से तर कपडे और यह मच्छर  
उसपे लाइट के कट बार बार लग रहे हैं
कितने अच्छे होते हैं वो सर्दी के दिन
यह दिन सचमुच कितने बेकार लग रहे हैं

Sunday, 20 July 2014

Honsle ko hwa de

हौसले को हवा दे इसे हताश न कर
बेकार रखकर खुद को लाश न कर

अंजाम कब्र से ज्यादा कुछ भी नहीं   
गलतफहमी में खुद को खास न कर

खत्म हो जाए न अंदर की हवा सब
कि इस कदर भी लम्बी सांस न भर

जो करते हैं मेहनत नाकाम भी होते है   
नाकामियों से खुद को उदास न कर

      ------- मिलाप सिंह भरमौरी

Pakke makan


    
पक्के  मकान  सबसे  ज्यादा  टूटे
और  झौंपडो  को  कोई  आंच  न  आई
ये  भूकम्प  के  बाद  के  आंकडे  है
कच्चे  मकान  रहे  दूजे  नंबर  पर  भाई
       
     ---- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday, 19 July 2014

शुभ प्रभात

कबूल  करना दोस्तों  कि  
दे रहा हूँ मैं  दिल से दुआ । 
सबके  लिए  मंगलमय हो
आज की प्यारी सी सुबह ।

----- मिलाप सिंह भरमौरी

सभी मित्रों को दिल से शुभप्रभात

Friday, 18 July 2014

Taaj takhat

बडी  अजीब  है  यह  चीज
जिसका  नाम वक्त  होता  है
यह  कभी  नरम  होता  है
और  कभी  सख्त  होता  है
अगर वेअसर  हो  कोई जो
इसकी हर  एक  हरकत  से 
उसके  हिस्से  में  ही तो 'मिलाप'
ताज  और  तख्त  होता  है

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday, 17 July 2014

Barish

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

जब  भी  धरती  प्यास  से तडफती है
तो  आसमान  में  बिजली  गरजती  है
फिर  पसीज जाता  है बादल का  दिल
और छम  छम  के  बारिश  बरसती  है

Jab bhi dharti pyas  se tadfti hai
To  aasman  me bijali  garjti  hai
Fir  paseej  jata hai  badal ka  dil
Or cham cham k baris barsti hai

    ----- milap singh bharmouri

Wednesday, 16 July 2014

Badal na rok

बादल  न  रोक  पाएंगे
पानी  को  अपने  पास

आंखें  न  रोक  पाएंगी
आंसू  को  अपने  पास

शिद्दत  कितनी है  यहां
किसी  की  प्यास  में

छम  से  बरस  जाएगें
जब  होगा  उन्हें एहसास

------- मिलाप सिंह भरमौरी

तेरी इक झलक


लौट  जाती  है  आकर  के
समुंदर  की  लहरें

फिर  भी  कुछ  पलों  को  तो
यह  खूबसूरत  कर  जाती  है

मुझे  पता  है  कि  तू
नहीं  मिल   पाएगी   मुझे  पर

फिर  भी  तेरी  इक  झलक
दिल  में  खुशियाँ  भर  जाती  है

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday, 15 July 2014

Har bulandi


यह  दुनिया  तो  बडी  खूबसूरत  है
फिर  किस  लिए  उदास  हो  तुम

कुछ  नहीं  कर  पाएगा  अंधेरा
तुम्हें  पता  नहीं  चिराग  हो  तुम

खुद  कदम  चूमेगी  मंजिल  तेरी
बस  कदम  उठाने  की  ही है  देरी

हर  बुलंदी  जिसके  नीचे  होगी
वो  खूबसूरत  हसीन  ताज  हो  तुम

---------- मिलाप सिंह भरमौरी

सूरज की रोशनी


सौ  सूरज  की  रोशनी  है
इक  तेरे   चेहरे  में

बेवजह  नहीं  तुम  पर
सबका  ध्यान  जाता  है

फिर  भी  अंजान  हो
अपनी  खूबसूरती  से  तुम

इसलिए  ओर  भी  तुम हो पर
प्यार  आता  है

------- milap singh bharmouri

Monday, 14 July 2014

भूल जा उसको

अपने  हालात  के  बारे  में
मैं  जब  भी  सोचता  हूँ

भूल  जा  उसको  तू  अब
अपने  दिल  से  बोलता  हूँ

नजरअंदाज  कर  देता  हूँ
इजहार - ए- मौहब्बत  को

अपने  जज्बातों  को  बेबसी  की
मिट्टी  में  रोलता  हूँ

------ milap singh bharmouri

Saturday, 12 July 2014

Avaidh nirman

Hindi shayari

पहले - पहल  बनाते  हैं 
मंदिर-  मस्जिद  या  मजार
पीछे  से कर  देते  हैं शुरू
शातिर  लोग अवैध  निर्माण

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Mud ke dekh

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

बस  मुड के देख लो इक बार मेरी तरफ
दिल के  कोने कोने में बहार  आ जाएगी

आवाद हो जाएगा  खुशियों  का गुलशन
खिजां में  जब भी  तेरी याद  आ जाएगी

गम न होगा नाकामियों  का जरा भी फिर
असर  न कर पाएंगे  फिर  यह नासूर मेरे

देखकर  मरहम  तेरी मौहब्बत  का सनम
किस्मत मुझे सताने  से बाज आ  जाएगी

------- milap singh bharmouri

Friday, 11 July 2014

Jidd jyada nhi

जिद्द  हद  में  ही  अच्छी  है
इसे  बेहद किया  नहीं  करते

थोडी  की  कोई  बात नहीं
ज्यादा  मगर  पिया  नहीं  करते

परवाह  करनी  पडती  है  कुछ
जमाने  वालों   की  भी  दोस्त

बस  अपने  ही  असूलो  पर
हमेशा   जिया   नहीं  करते

------- milap singh bharmouri

Thursday, 10 July 2014

Hasil kya kiya


हासिल  तुमने  भी  क्या  किया
मेरे  दिल  को  तोडकर

चली  गई  शौहरत  के   लिए
मुझे  गुरबत  में  छोडकर

मैं  था तेरी  झलक  का प्यासा
इक  भंवरे  रिंद  जैसा

तेरे  लिए  रुकता  था  मैं
कितनी  देर  तक उस  मोड पर

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 9 July 2014

Bantbara


बस  इक  सत्ता  की  चाह  में
उसने मुल्ख  का
करवा  दिया  था  बंटवारा

वरना  वो  भी  तो  कहता  था
सारे  जहाँ  से  अच्छा
हिन्दोसितां  हमारा

      ------ मिलाप सिंह भरमौरी

बिजली का कट

तन  से  पसीने  का
दरिया  बहने  लगता  है

जब  भी  बिजली  का
कट  लगता  है

उसको  तो  हर  सहूलत
मयस्सर  है

वो  कहाँ  दर्द  हमारा 
समझता  है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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Tuesday, 8 July 2014

Rat bhar badal

Hindi shayari

रात  भर  बादल  गरजते  बरसते  रहे
हम  तन्हा  दिवारों  में  तरसते  रहे

कोई  लेकर  न  आया  शबनम  की  बूंदें
हम  प्यासे  के  प्यासे  तडफते  रहे

और  करते  भी  क्या  लाचारी  में  हम
बस  बर्बादी  पे  अपनी  हम  हंसते  रहे

          -------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday, 7 July 2014

तेरा चेहरा

Hindi shayari

देखता रह जाता हूँ मैं
बस तेरे चेहरे को

इस दुनिया की हकीकत को
और खुदा के राज गहरे को

इस तरह होती है हलचल
दिल में तेरे आने से

कि जैसे ने हिला दिया हो कंकर से
किसी ने ठहरे पानी को

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday, 6 July 2014

Najria


बेवजह गमगीन बना लेते हैं
जिंदगी को लोग
 
वरना यह दुनिया तो बडी
खूबसूरत है 
   
फिर हर शय में खुशी दिखाई
देगी तुम्हें   

बस अपना नजरिया ही तो
बदलने की जरूरत है    

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday, 4 July 2014

तुमसे न बात हो

Hindi shayari

जिस  दिन  तुमसे  न बात हो
यह  दिल  उदास  हो जा ता है

बहुत  दूर  निकल   चुका  गम
फिर  से    पास  हो   जाता  है

अजीब सकून  मिलता है  फिर  
बस  इक   तेरे  करीब  होने से

तेरी दो  चार बातों  से ही  मुझे 
जन्नत का एहसास हो जाता है

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

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Thursday, 3 July 2014

तेरी अदा

Hindi shayari

तेरी  हर  एक  अदा  अब
इस  दिल  को  प्यारी  लगती  है

यह  झुकी  हुई नजर  भी  तेरी
कितना  कुछ  मुझसे  कहती  है

खामोश  लबों  के लफ्जों  को भी
यह  दिल  झट  से  पढ  लेता  है

इस  जिस्म  की  रग  रग  में  अब
तेरे  प्यार  की  नदिया  बहती  है

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday, 2 July 2014

खो कर तेरी आँखों में

Hindi shayari

खो  कर  तेरी  आँखों  में
मैं  सब  कुछ  भूल  जाता  हूँ ।

तू  साथ  हो  तो  जैसे
जन्नत  में  मैं  घूम  आता  हूँ ।

कुछ  नहीं  मय  मयखाना
शराब  तेरे  आगे  अब ।

मैं  तो  बस  तेरे  होठों  की
शबनम  से  झूम  जाता  हूँ ।

------ मिलाप सिंह भरमौरी