बुरा वक्त जब सिर पर आया
बनने लगा हर अपना पराया
बदल गया फिर बात का लहजा
बोल जुबान पर ओर सा आया
----- मिलाप सिंह भरमौरी
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बुरा वक्त जब सिर पर आया
बनने लगा हर अपना पराया
बदल गया फिर बात का लहजा
बोल जुबान पर ओर सा आया
----- मिलाप सिंह भरमौरी
दिल में प्यार हो
यही काफी नहीं है जमाने में
थोडी सी चापलूसी भी
जरूरी है जताने में
बेरुखी से तो माँ बाप भी
रूठ जाते हैं
दिल में प्यार हो तो
मत करो अलगर्जी बताने में
----मिलाप सिंह भरमौरी
दूर रह कर भी कोई करीब होता है
करीब रह कर भी कोई दूर होता है
बात तो बस दिल से दिल मिलने की है
दिल मिल गए तो अलग ही सरूर होता है
------ मिलाप सिंह भरमौरी
न दौलत की तिजोरी है
न खली सी हमारी बॉडी है
फिर भी खुश हैं हम अमीरों से
क्योंकि मोहब्बत, इज्जत और
दोस्ती की दौलत हमने जोडी है
------- मिलाप सिंह भरमौरी
प्यार में अपना दिल
कब अपना रहता है
यह तो बस उसकी ही
सुनता और कहता है
रहता है यह तो बस
उसकी ही परछाई में
बस कहने को ही यह
सीने में अपने रहता है
----- मिलाप सिंह भरमौरी
जिंदगी इतनी बेकार
कभी नहीं होती है
कि खुद को ही मिटा दिया जाए ।
सौ बहाने निकल आते हैं जीने के लिए
अगर बस एक पल पर
काबू पा लिया जाए ।
खुद से बाहर निकल
कर दायरा सोच का बडा
अगर अपने लिए ठीक नहीं
तो क्यों न ओरों के लिए जिया जाए ।
----- मिलाप सिंह भरमौरी
तू एक अनबुझी सी प्यास है
जो हरपल मेरे साथ रहती है
तू इक अधूरी सी तालाश है
जिसके लिए रूह तडफती है
काश! तू मिल जाए बुझ जाए प्यास
खत्म हो जाए मेरी तालाश
पर तू बेदर्द , बेरहम अलगर्ज सी
कब मेरे दिल की समझती है
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
देख परख कर के दुनिया में
कदम रखने होते हैं
यूंही जज्बाती नहीं होते
यह कुछ ढकने होते हैं
जुबां की कही को तो
कोई भी समझ लेता है
पर खामोशी को समझ ले जो
वही अपने होते हैँ
------ मिलाप सिंह भरमौरी
कोई तुम सा नहीं है इस जमाने में
हकीकत है तो हर्ज क्या है बताने में
अब कर ले चाहे कितने भी नखरे तू
मजा आता है हमें भी तेरे नाज उठाने में
----------- मिलाप सिंह भरमौरी
मौहब्बत तुमसे इतनी है
गगन में जितने तारे हैं
ये समुंदर की है गहराई
या आंखों के इशारे हैं
जफा की तू आतिश है
बफा की भी तू शबनम है
जला दे या भिगो दे तू
हम आशिक तो तुम्हारे हैं
---- मिलाप सिंह भरमौरी
अरे मान ले भाई डोन्ट स्मोक
होता है इससे कैंसर का रोग
आए हो इस दुनिया में तो
स्वस्थ और सुंदर जिंदगी भोग
तू पीता है जब पब्लिक प्लेस में
बहुत बुरा फील करते हैं लोग
अपनी गर तुझे फिक्र नहीं है
बीबी बच्चों के तो बारे में सोच
नशा अंदर से तुझे खत्म कर रहा
देता है बस यह पलभर का जोश
----- मिलाप सिंह भरमौरी
नाराज मत हुआ करो
कुछ अच्छा नहीं लगता है
तेरे हसीन चेहरे पर
यह गुस्सा नहीं सजता है
हो जाती है कभी कभी
गलती माफ कर दिया करो
चाहने वालों से बेदर्दी
यह नुस्खा नहीं जंजता है
---- मिलाप सिंह भरमौरी
जिंदगी यार यह
कमाल बडे करती है
जबाव क्या दूं मैं
सबाल बडे करती है
निकल न पाएगा तू
इसके संग उसूलों से
फांस ही लेगी यह
जाल बडे बुनती है
---- मिलाप सिंह भरमौरी
मना लेना हमें तुम
कभी भी रूठने मत देना
थामा है हाथ मेरा जो
कभी भी छूटने मत देना
कि जान से ज्यादा यकीन
करते हैं हम तुम पर
तुम भी यह भरोसा
हमारा कभी टूटने मत देना
----- मिलाप सिंह भरमौरी
ऐसा भी कुछ नहीं है नशे में
कि इसके बगैर जी न सकें
खुद बखुद छूट जाएगी लत
अगर थोडी सी कोशिश करें
थोडा सा अपना मन बनाएं
थोडा सा नशेडियों से दूर रहें
----- मिलाप सिंह भरमौरी
जायज हैं सब सितम तेरे
अब चाहे जान भी ले ले
उफ न करूंगा जरा भी मैं
कि की है मौहब्बत तुझसे मैंने
उस प्यार में मजा ही क्या
कि हिज्र का पता न चले
जन्नत का एहसास होता है
गर मुद्दत के बाद महबूब मिले
------- मिलाप सिंह भरमौरी
तुम यह न समझ लेना कि
दिलों के बीच में दूरी है
सिद्धांतवादी इंसान हूँ
मेरी भी कुछ मजबूरी है
यह सोच कर मैंने बदल दिया
गिफ्ट लाने का विचार तुम्हें
क्या प्यार जताने के लिए
रिश्वत देना जरूरी है
तेरे नाम से सीना तन जाता है
और गर्व से उठ जाता है मस्तक
तारीफ के काबिल हैं अपने सैनिक
तारीफ के काबिल हैं अपने तटरक्षक
------ मिलाप सिंह भरमौरी
कभी अपनी ही
धुन में रहता है
कभी गुमसुम भी यह रहता है
चाहे जो भी हो
इस दिल का आलम
हरपल तुझमें ही यह रहता है
---- मिलाप सिंह भरमौरी
चांदनी रात में
छत पर बैठ के
डूबा हूँ मैं इस सोच में
काश! तू होती जिंदगी में
तो कितना अलग होता यह पल
वो गुजरा हुआ कल
और ये आने वाला कल
बहुत खुशियां होती जिंदगी में
अगर तू सचमुच होती जिंदगी में
----- मिलाप सिंह भरमौरी