समुन्दर के किनारे रेत पे लिखा
कब तक आखिर टिक पाएगा
आती हुई लहर से यकीनन
या पैरों से किसी के मिट जाएगा
क्योंकि मद से है अभी आंख भरी
जायज ही लगेगा अपना सब
जोश -जोश में होश कहाँ है
इसलिए खुद को ही मान रहा है रव
पर बेवक्त देखना इक दिन सब
तुझे जवर तेरा दिख जाएगा
----- मिलाप सिंह भरमौरी
बहुत बढ़िया
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