यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है
बडे बडे अक्षरों में शब्द हर बस में लिखे होते है
पर गोद में बच्चे लेकर खडी होती है महिलाएं
और तगडे मुच्छटंडे सीट पर आराम से बैठे होते है
यह सच है कि मांगने से नही मिलते हैं हक कभी भी
यह तो खुद शेर के जबडे से निकाल कर छीनने होते हैं
-------- मिलाप सिंह भरमौरी
No comments:
Post a Comment