उसको मोहब्बत नहीं
हवस कहते हैं
पब्लिक प्लेस पर जो
कस के kiss करते हैं
मोहब्बत तो वरना
नजरों से भी व्यान हो जाती है
क्यों फिर कुछ लोग
kissing day मनाने की जिद्द करते हैं
विफल हो जाएगी उनकी
दो नवंबर की योजना
आखिर हर युवा में
इंडियन दिल धडकते हैं
रह जाएगें सिर्फ दो चार
भाडे के kiss करने वाले
यह अनैतिकता फैलाने वाले
खुद को क्या समहते हैं
यह बहुत बडा तमाचा होगा
इन पाखंडियो के लिए
अगर इस दिन हम सब
भारतीय संस्कारों के संग
घर से बाहर निकलते हैं
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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