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चेहरा ऐसा रखो कि खुद को भी हो जाए भरम
खुशनुमा खुशनुमा हर तरफ सब आए नजर
खुद मिट जाऐंगे फिर देखना दाग गम के सभी
दर्द हो जाएगें तेरे सब के सब फिर दफन
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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