milap singh

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Monday, 13 October 2014

Ho jaye bharam


चेहरा ऐसा रखो कि
खुद को भी हो जाए भरम

खुशनुमा खुशनुमा
हर तरफ सब आए नजर

खुद मिट जाऐंगे फिर
देखना दाग गम के सभी

दर्द हो जाएगें तेरे
सब के सब फिर दफन

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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