milap singh

milap singh

Sunday, 26 October 2014

Nasha hai nash


नशा है नाश की आधारशिला
फिर न करना वंदे तू गिला

वो दोस्त नहीं दुश्मन है तेरा
आज मुफ्त में तुझे जो रहा पिला

क्यों करता है बहाने गम छुपाने के
अब तक तो हुआ न इससे भला

अपनी तो सेहत बिगाड ही रहा है
सुख शांति भी घर की तू रहा जला

जड मत बन जा बोतल के आगे
सोच तू कुछ अपना दिमाग हिला

अपने घरवालों के बारे में सोच
क्यों दे रहा उन्हें पी पी कर तू सजा

कुछ अच्छे काम को भेजा था उसने
तू दे रहा है क्या मगर सिला

   ------- मिलाप सिंह भरमौरी

No comments:

Post a Comment