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मेरी आँखों में तेरा चेहरा है और जुवान पर हैं तेरी बातें
मेरे दिल में तेरी धडकन है और मेरे मन में हैं तेरी यादें
अब तुमसे बिछुड कर कैसे रहूं खुद को मुकम्मल कैसे कहूं
तू रूह में आकर बस गई है अब तेरे नाम से चलती हैं सांसे
----- मिलाप सिंह भरमौरी
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