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अब ओर क्या उपहार दें हम हैं तमाम आपके
तेरे लिए दरिया आग के भी लगते हैं आसान रास्ते
कैसे कहें कि किस तरह शामिल हैं आप मेरे जिस्मोजां में
आता है धडकन की धक धक में तेरा ही नाम सांस से
------ मिलाप सिंह भरमौरी
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