milap singh

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Saturday, 18 October 2014

तेरी खुशबू छुपी है


तेरी  खुशबू  छुपी  है  हवाओं  में
आओ  झूमें  मस्त  फिजाओं  में
आज  लगता  है  इतना  रंगीन  जो  समां
तेरे  होठों  को छू  कर  आई  है  हवा
मैं  भी  रंग  जाऊं  आओ  बाहों  में

------- मिलाप सिंह भरमौरी

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