milap singh

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Saturday, 25 October 2014

नशे की आदत

बहुत बुरी है नशे की आदत
घर में रहती है सदा ही बगावत

तन मन धन सब खो जाता है
कभी न डालना गले यह आफत

सिकुड जाता है सोच का दायरा
सब रौंद डालती है यह शराफत

सफेद कालर नहीं रौब जमाती
कीचड में रौलती है यह इज्जत

अभी भी वक्त है तू सुधर जा वंदे
देख हलात की कुछ तो नजाकत

  ------- मिलाप सिंह भरमौरी

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