milap singh

milap singh

Tuesday 18 March 2014

लम्हा - सी जिन्दगी

Hindi shayari
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काटे नहीं कटे अब

तन्हा - सी जिन्दगी!

तेरे साथ लगती थी

जो लम्हा - सी जिन्दगी!!

~ milap singh bharmouri ~

Sunday 16 March 2014

शायरी की लत

Hindi shayari
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इस शायरी की लत ने
क्या -क्या दिखाया हमको

अच्छे खासे दोस्त थे
सबसे दूर करया हमको

फिर दिल की बेकसी में
इक लडकी को सुना बैठे शेर

दोस्तो अपनी भाईयों से उसने
बुरी तरह पिटवाया हमको

~ milap singh bharmouri~

Friday 14 March 2014

फूल खिलते है

Hindi shayari
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फूल खिलते है तो
तितलिया भी आ जाती है!

महकते उपवन को
ओर महका जाती है!!

बेशक ये बहार
रहती नहीं सदा के लिए!

फिर भी कुछ तो
मन को बहला जाती है!!

~ milap singh bharmouri ~

Monday 10 March 2014

गऊ है पालक

गऊ है पालक

गऊ है तारक

गऊ पूज्य माता है

गऊ को पूजे

स्वर्ग मिले

गऊ दर्शन से

दिन शुभ हो जाता है....!

~ milap singh bharmouri ~

गऊ माता

Hindi shayari
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यह इस लौकिक संसार में मेरे

बच्चो के पेट को भरती है......!

और गऊ माता की पँूछ पकडकर ही

भव -सागर से नैया तरती है!

~ milap singh bharmouri ~

Sunday 9 March 2014

चाराण

Hindi shayari
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कहां चराऐं गाय बछिया

कब्जे में ले लिए सब चाराण!

गऊ का चुरा के सुख करेगा

कितना है नादान इन्सान ....!

~ milap singh bharmouri~

Thursday 6 March 2014

रुस्वा हुए थे

Hindi shayari
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रुसवा हुए थे हम

कल जिन गलियों में ..!

दामन मेरा भर दिया

उन्ही ने आज कलियों से!!...

~ milap singh bharmouri ~

Wednesday 5 March 2014

मांस -सब्जी

Hindi shayari
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एक महीना मांस खाके देखा!

एक महीना सब्जी और दालें!!

कोई फर्क न पडा सेहत पर!

कितने ही जीवों की ले ली जानें!!

~ milap singh bharmouri ~