milap singh

milap singh

Saturday 25 August 2018

हालत



कुछ दूर चलते हैं

फिर कदम रुक जाते हैं

मेरी मजबूरियों में सब

ख्वाब बिक जाते हैं।

वो सामने आते हैं तो

मिलते हैं बड़ी हमदर्दी से।

मगर पीठ पीछे जाते ही

मेरी हालत पे हँस जाते हैं।

....... मिलाप सिंह भरमौरी

आरक्षण

हम बी. पी. एल. जिसे कहते हैं

वो आर्थिक आधार पर आरक्षण है।

पर अफसोस की बात यह है कि

इसमें भी बहुत भ्रष्टाचार के लक्षण हैं।

         ....... मिलाप सिंह भरमौरी


Sunday 12 August 2018

लम्हा लम्हा

लम्हा लम्हा है मुश्किल

किस किस से लड़ता है ये दिल


इक ओर मोहब्बत के धोखे


इक ओर अधर में मुस्तकबिल ।

कभी तेरे संग के ख्बाब सजाऊँ


हवा में सुंदर महल बनाऊँ


बन्द आंखों से दुनिया अच्छी लगती


तकदीर भी मनचाही लगती


पर आंखे खुलते ही रोता है दिल।

यह प्यार मोहब्बत की बातें


अब हृदय पे करती हैं घातें


चेहरे बदलते देखे हैं कितने ही


कितनी ही स्मृति में छाई हैं यादें


सोच रहा हूँ तन्हा बैठे


आखिर ऐसा क्या किया उसने हासिल।

...... मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 9 August 2018

नजरें

बच के निकलता हूँ

तेरी गली से

कि फिर तुमसे 

सामना न हो जाए।

बड़ी मुश्किल से

समेटे हैं दिल के टुकड़े

कि फिर वही 

मामला न हो जाए।

बहुत डरता हूँ तेरी

झुकी सी पलकों से

असर बहुत है

तेरी शोख़ नजरों में।

जानलेवा है बहुत

यह बेरुखी तेरी

दर्द सीने में वो फिर

वेवजह न हो जाए।

....... मिलाप सिंह भरमौरी

याद

नदी किनारे शाम को

जब दिन ढ़लता है।

सूरज धीरे- धीरे

पानी के बीच उतरता है।

ताजा हो जाती हैं फिर

भीगी सी यादें।

एक तूफान सा जैसे

आँखों के बीच उमड़ता है।

........ मिलाप सिंह भरमौरी