milap singh

milap singh

Thursday 29 January 2015

बुरा वक्त

बुरा वक्त जब सिर पर आया
बनने लगा हर अपना पराया
बदल गया फिर बात का लहजा
बोल जुबान पर ओर सा आया

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 18 January 2015

Dil me pyar

दिल में प्यार हो
यही काफी नहीं है जमाने में

थोडी सी चापलूसी भी
जरूरी है जताने में

बेरुखी से तो माँ बाप भी
रूठ जाते हैं

दिल में प्यार हो तो
मत करो अलगर्जी बताने में

----मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 17 January 2015

Door reh kar

दूर रह कर भी कोई करीब होता है
करीब रह कर भी कोई दूर होता है
बात तो बस दिल से दिल मिलने की है
दिल मिल गए तो अलग ही सरूर होता है

     ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 16 January 2015

Dosti

न दौलत की तिजोरी है
न खली सी हमारी बॉडी है
फिर भी खुश हैं हम अमीरों से
क्योंकि  मोहब्बत,  इज्जत और
दोस्ती  की  दौलत  हमने जोडी है

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Pyar me dil

प्यार में अपना दिल
कब अपना रहता है

यह तो बस उसकी ही
सुनता और कहता है

रहता है यह तो बस
उसकी ही परछाई में

बस कहने को ही यह
सीने में अपने रहता है

----- मिलाप सिंह भरमौरी

जिया जाए

जिंदगी इतनी बेकार
कभी नहीं होती है
कि खुद को ही मिटा दिया जाए ।

सौ बहाने निकल आते हैं जीने के लिए
अगर बस एक पल पर
काबू पा लिया जाए ।

खुद से बाहर निकल
कर दायरा सोच का बडा
अगर अपने लिए ठीक नहीं
तो क्यों न ओरों के लिए जिया जाए ।

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 15 January 2015

Anbhujhi

तू एक अनबुझी सी प्यास है
जो हरपल मेरे साथ रहती है

तू इक अधूरी सी तालाश है
जिसके लिए रूह तडफती है

काश! तू मिल जाए बुझ जाए प्यास
खत्म हो जाए मेरी तालाश

पर तू बेदर्द , बेरहम अलगर्ज सी
कब मेरे दिल की समझती है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 14 January 2015

Dekh parakh

देख परख कर के दुनिया में
कदम रखने होते हैं

यूंही जज्बाती नहीं होते
यह कुछ ढकने होते हैं

जुबां की कही को तो
कोई भी समझ लेता है

पर खामोशी को समझ ले जो
वही अपने होते हैँ

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 13 January 2015

Naaz

कोई  तुम  सा  नहीं  है  इस  जमाने में
हकीकत  है तो  हर्ज  क्या है  बताने में
अब  कर  ले चाहे  कितने भी  नखरे तू
मजा आता है हमें भी तेरे नाज उठाने में

   ----------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 12 January 2015

Mohabat

मौहब्बत तुमसे इतनी है
गगन में जितने तारे हैं

ये समुंदर की है गहराई
या आंखों के इशारे हैं

जफा की तू आतिश है
बफा की भी तू शबनम है

जला दे या भिगो दे तू
हम आशिक तो तुम्हारे हैं

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 11 January 2015

Nasha

अरे मान ले भाई डोन्ट स्मोक
होता है इससे कैंसर का रोग

आए हो इस दुनिया में तो
स्वस्थ और सुंदर जिंदगी भोग

तू पीता है जब पब्लिक प्लेस में
बहुत बुरा फील करते हैं लोग

अपनी गर तुझे फिक्र नहीं है
बीबी बच्चों के तो बारे में सोच

नशा अंदर से तुझे खत्म कर रहा
देता है बस यह पलभर का जोश

      ----- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 9 January 2015

Naraj


नाराज मत हुआ करो
कुछ अच्छा नहीं लगता है

तेरे हसीन चेहरे पर
यह गुस्सा नहीं सजता है

हो जाती है कभी कभी
गलती माफ कर दिया करो

चाहने वालों से बेदर्दी
यह नुस्खा नहीं जंजता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 7 January 2015

Jindgi kmal


जिंदगी यार यह
कमाल बडे करती है

जबाव क्या दूं मैं
सबाल बडे करती है

निकल न पाएगा तू
इसके संग उसूलों से

फांस ही लेगी यह
जाल बडे बुनती है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 6 January 2015

Mna lena


मना लेना हमें तुम
कभी भी रूठने मत देना

थामा है हाथ मेरा जो
कभी भी छूटने मत देना

कि जान से ज्यादा यकीन
करते हैं हम तुम पर

तुम भी यह भरोसा
हमारा कभी टूटने मत देना

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 5 January 2015

Nase me


ऐसा भी कुछ नहीं है नशे में
कि इसके बगैर जी न सकें

खुद बखुद छूट जाएगी लत
अगर थोडी सी कोशिश करें

थोडा सा अपना मन बनाएं
थोडा सा नशेडियों से दूर रहें

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 4 January 2015

Sittam tere


जायज हैं सब सितम तेरे
अब चाहे जान भी ले ले

उफ न करूंगा जरा भी मैं
कि की है मौहब्बत तुझसे मैंने

उस प्यार में मजा ही क्या
कि हिज्र का पता न चले

जन्नत का एहसास होता है
गर मुद्दत के बाद महबूब मिले

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 3 January 2015

Pyar jatane ke liye


तुम यह न समझ लेना कि
दिलों के बीच में दूरी है

सिद्धांतवादी इंसान हूँ
मेरी भी कुछ मजबूरी है

यह सोच कर मैंने बदल दिया
गिफ्ट लाने का विचार तुम्हें

क्या प्यार जताने के लिए
रिश्वत देना जरूरी है

Friday 2 January 2015

Tatrakshak


तेरे नाम से सीना तन जाता है
और गर्व से उठ जाता है मस्तक
तारीफ के काबिल हैं अपने सैनिक
तारीफ के काबिल हैं अपने तटरक्षक

   ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Gumsum bhi


कभी अपनी ही
धुन में रहता है
कभी गुमसुम भी यह रहता है
चाहे जो भी हो
इस दिल का आलम
हरपल तुझमें ही यह रहता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 1 January 2015

Tu hoti jindgi me


चांदनी रात में
छत पर बैठ के
डूबा हूँ मैं इस सोच में
काश!  तू होती जिंदगी में
तो कितना अलग होता यह पल
वो गुजरा हुआ कल
और ये आने वाला कल
बहुत खुशियां होती जिंदगी में
अगर तू सचमुच होती जिंदगी में

----- मिलाप सिंह भरमौरी