A place for original Hindi shayari sad shayari romantic shayari hindi kavita and pahari kavita of milap singh
milap singh
Tuesday 31 December 2013
Monday 30 December 2013
Sunday 29 December 2013
Friday 27 December 2013
Wednesday 25 December 2013
Monday 23 September 2013
आँखों से बार- बार
किनारे न किया करो
सुर्खी से लाल हौंठ
ओर अंगारे न किया करो
मर जायेगा ' मिलाप '
कभी दिल पे हाथ रख के
तुम आँखों से बार- बार
इशारे न किया करो
.........मिलाप सिंह भरमौरी
Wednesday 18 September 2013
बू -आती है इमान सड़ने की
व्यवस्था को ठीक करने की
अंदर मिलकर तकरीबें सोचते है
झौली भरने की
कितना ढक कर रखें ' मिलाप '
नाक अपना हम
यहाँ तो जगह -जगह पर
बू -आती है इमान सड़ने की
एक शेर और पेश कर रहा हूँ ….
जो खुद करते है दगा रोज अपने रिचक से
वो कहते है कि इन्कलाब लाएँगे ज़माने में
रिच्क का अर्थ ....... रोजी -रोटी का साधन
एक और शेर प्लीज........
उसने अहद कऱ लिया है
इमां पर चलने का
क्या वो भी ' मिलाप '
हादसे में मारा जायेगा
......मिलाप सिंह भरमौरी
Thursday 18 July 2013
हसरतें मर गई
मन्दिरों में भटकती वन्दगी रह गई
हुस्न की जमाने में कद्र न हुई
फैशनपरस्ती में दवी सादगी रह गई
किस तरह हुआ गजल से प्यार
बात दिल में 'मिलाप' राज की रह गई
गोशे -गोशे से जमाने ने लुटा मुझे
नतीजा हिस्से में मेरे शायरी रह गई
........मिलाप सिंह भरमौरी
Wednesday 17 July 2013
वो इस तरह बिछड़ा
मेरी अरमानों भरी दुनिया को पानी कर गया
वक्त कितना बेरहम निकला के पलक झपकते ही
मेरी जिन्दगी की हकीकत को कहानी कर गया
एक लफ्ज वक्त-ए- रुखसत खुदा तुझपे भरोसा नही
सवाब उम्रभर के मेरे को बेमानी कर गया
तमाम उम्र में कुछ न कुछ खोता ही रहा
मेरा मुक्कदर मुझ गरीब को दानी कर गया
यह अंजाम हुआ मेरी बफा का इक मजबूरी से
के मेरा मेह्बूव मुझे बेबफा के सानी कर गया
.........मिलाप सिंह भरमौरी
Tuesday 16 July 2013
दे गया दर्दे जिगर
कर रहा जख्म हरा हर लम्हा -लम्हा
दे गया दर्दे जिगर प्यार पहला-पहला
यादों में समाया है 'मिलाप' जमाना सारा
बीत रही जिन्दगी मगर तन्हा- तन्हा
हाथों में उसके लहू था या के मेंहदी थी
रंग तो था उसका कुछ गहरा-गहरा
दर्द की इन्तहा होने वाली है शायद
लग रहा है समा अब ये सहमा- सहमा
........मिलाप सिंह भरमौरी
Monday 15 July 2013
ये तेरी नजर भी
Friday 12 July 2013
अदा-ए-हँसी
अदा-ए-हँसी का
के कारवां चल पड़ा है
साथ ख़ुशी का
जैसा चाहा था वैसा
हमसफर दिया है
शुक्र कैसे करूं
अदा मै नवी का
है सबसे जुदा
वो मेह्बूव मेरा
जैसे हिस्सा न हो
वो इस जमीं का
वयां क्या करूं
मै त्वसुम उसका
जैसे खिला हो गुल
अभी के अभी का
असर ऐसा हुआ है
अदा-ए-हँसी का
के कारवां चल पड़ा है
साथ ख़ुशी का
.....मिलाप सिंह भरमौरी
Thursday 11 July 2013
नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
मेरी किसी हरकत
से चेहरे पे शिकन
बड़े अंदाज से
ये अदा भी दिखाए जाते हो
कभी गुस्से से देखना
कभी प्यार से देखना
उफ़ हर नजर में
दीवाना बनाये जाते हो
वक्त -ए- रुखसत तेरा
नये अंदाज से अलविदा
उंगलिओं के इशारों पे
हमको नचाये जाते हो
नश्तर चुभोये जाते हो
बाते बनाये जाते हो
रौशनी के बहाने से
मेरा दिल जलाये जाते हो
.....मिलाप सिंह भरमौरी
Tuesday 25 June 2013
वजीर बोले कोई खोदलवासी ( bharmouri boli me )
माला रे मनके ते
मनके री माला
मनके ते लिखया घोडवासी
दुनिया मा ना तेरे
कई वो केलंगा
वजीर बोले कोई खोदलवासी
घुमदे ने मनके
ते फिरदिया माला
करदे ने मेर घोडवासी
हा री हा माला
मना रे मनके
नित -नित खिच्ची जान घोडवासी
माला रे मनके ते
मनके री माला
मनके ते लिखया घोडवासी
......milap singh bharmouri
Monday 3 June 2013
शिवजी रे पुत्र (bharmouri boli me )
शिवजी रे पुत्र
केले वजीर
मना मा ध्यायो
मना मा ध्यायो
सुख -सांद तोपदेयो
जे सुख-सांद पाना
कुगति जो आयो
कुगति जो आयो
मुकदरा रे लोवियो
जे मुकदर बनाना
भक्त बढायो
भगत चढायो
केलांगा रे चरना मा
रेना जे भग्ता
सुचा लाण लायो
सचा लाण लायो
शिवजी रे पुत्र
केले वजीर
मना मा ध्यायो
मना मा ध्यायो
....milap singh bharmouri
Sunday 5 May 2013
SMS से शुरू मौहाबत
वो sms से शुरू मौहाबत
यारो बहुत ही funny िनकली
मैं िजन्हे मेहवूवा के समझ के पडता रहा
उन्हे भेजने वाली
उसकी मम्मी िनकली
Vo sms se shuru mohabat
Yaro Bhut hi funny nikli
Me jinhe mehbuba ke samajh ke
Padta rha
Unhe bhejne vali
Uski mummy nikki
.....milap singh bharmouri
Monday 29 April 2013
फासले से अगर
फासले से अगर
देखता हूँ जिसे
हर चेहरा मुझे तो
तुम्हारा लगे
भूल कर भी तम्हे
भूल पाया नही
भूल जाना तुम्हे
ना गवारा लगे
खत्म होंगी नही
वक्त की वंदिशे
बडती जाएँगी पल-पल
यर रंजिशे
मत सुनो जहन की
दरकिनार करो
गर आने को कुछ दिल
तुम्हारा करे
सारी दुनिया को मै
अलग छोड़ कर
तुज्को लेने आंऊ
हर कसम तोडकर
निकल आयेंगे
कई नये रास्ते
थोडा- सा भी अगर
तू इशारा करे
....milap singh bharmouri
Friday 19 April 2013
या खुदा या खुदा, या खुदा
या खुदा या खुदा, या खुदा ..
मै नही तुजसे जुदा
तू नही मुझ से जुदा
तुजको देखता हु मै फिजाओं में
तुजको देखता हु मै खिजाओं में
तू ही तो है हर किसी की निगाहों में
या खुदा या खुदा या खुदा ,या खुदा...
हर तरफ है तेरी परछांईयां
तुजमे ही खत्म है गहराईंया
तेरी ही बनाई है ऊंचाईयां
या खुदा या खुदा या खुदा ,या खुदा....
जर्रे -जर्रे में बसा है तू ही तू
पत्ते -पत्ते में बसा ही तू ही तू
तुझपे ही खत्म हर गुफ्तगू
या खुदा या खुदा या खुदा ,या खुदा...
.....milap singh bharmouri
Thursday 18 April 2013
मेरे केलंगा रा बासा ( gaddi boli me bhajan )
कुगती री धारा
मेरे केलंगा रा बासा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
पैरा मंज शाले मेरे
भजदा शरीर हा
कुछ भी भोया पर
पुजना जरूर आ
लेई चल गड्डी मा चड़ाई डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
निक्का जिना झौला मेरा
पानी ना रोटी हा
बस केसरा री पुड़ी कने
हत्था मा होठी आ
कर न गल तू पराई डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
टोप कन्ने नरवार
झोउले मंज पोउरा ऐ
उरनु ते शेल्लू मेई
कुगती बोलउरा ऐ
लेई चल 'मिलाप ' जो चड़ाई
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा डलेवरा
लेई चल हडसरा ताईं डलेवरा
...milap singh bharmouri
Wednesday 17 April 2013
जैजै ,जै जै कार भुन्दी (bhajan bharmouri boli me )
जैजै ,जै जै कार भुन्दी
दुनिया मा तेरी
केलंग वजीर जी
अरदास हुना मेरी
सोना-चाँदी मंगदा ना
ना मंगदा अंयु पैसे
बस अपने चरना मा रखे
मुंजो मूर्खा जो तुसे
गड्डी-मोटर मंगदा
ना मंगदा जहाज
बस भुऐ ना तू मलका
इस दासा तोउ नराज
धन -दौलत मंगदा ना
ना मंगदा जमीन
बस टूटे ना मलका
मेरा तुजो तोउ जकीन
....milap singh bharmouri
Tuesday 16 April 2013
जय हो केले बजीर (gaddi boli me )
जय हो केले बजीर
जय जय केले बजीर
हर लो भक्तों की पीड
हर लो भक्तों की पीड
बासा कुगति आ तेरा
पासा मुक्ति रा मेरा
कर ना नजरा तोउ दूर
मंगता ' मिलाप' फकीर
हत्थे होठू हा शैल
धोये दुखा री मैल
अंयु रेंहू तेरे करीब
बलदा मेरा जमीर
जय हो केले बजीर
जय जय केले बजीर
हर लो भक्तों की पीड
हर लो भक्तों की पीड
.....milap singh bharmouri
Monday 15 April 2013
इस दुनिया मंज (gaddi boli me )
इस दुनिया मंज
इची करी हानी
कई कुछ सैना पैंदा हा
मनु मंज चांहे
कुतूना भी हसिया
टारे इची रूना पैंदा हा I
एह धरती हा
सता -तमा री गुथूरी
टेरे रंग निराले ने
जेड़ा भी वक्त हा
सौगी -सम्भालिया
फिरि ऐ वक्त गुषुरा हा II
पोले- निठोले
बेपला रे हा रे
कजो तू सुपने बुन्दा हा
तू ता हा
सुच्चे मोती रा मालिक
कजो कंकर -पत्थर चुगदा हा III
इस दुनिया मंज
इची करी हानी
कई कुछ सैना पैंदा हा
मनु मंज चांहे
कुतूना भी हसिया
टारे इची रूना पैंदा हा I
भरमौरी बोली की किवता
भरमौरी बोली में किवता
सब िकस्मत रे फेरे िहन
िदन जैडे मुंजो-तुजो घेरे िहन
असली होर ही मालक हा
असे बलदे तेरे ते मेरे िहन
जीतूनी बारी भी घरदा िदन
ईठी तीतूने ही सबेरे िहन
तेरे नाम तांऊ ही मुलना सुख
इँया ता छुडे िगट्टे परेडे िहन
......milap singh bharmouri
Friday 12 April 2013
मुर्दों का ओपरेशन
काश! ऐसा कोई
करिश्मा हो जाये
यह सारे बेरहम मंहगे होस्पिटल
सरकारी हो जाए
सब को मिले अच्छी सुबिधा
सबका जीवन आसान हो जाए
यह चमचमाती बिल्डिंगे नही
मानवता पर धव्वा है
यह कोई समाज सेवा नही
सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाने का धंदा है
यह अच्छे-अच्छो की
तिजोरी को तंग कर देते है
डिलीवरी के नोर्मल केस की भी
सर्जरी कर देते है
घिनौनापन यहाँ तक पहुंच चूका है अब तो
पैसो के लिए
मुर्दों का भी ओपरेशन कर देते है
काश! ऐसा कोई
करिश्मा हो जाये
यह सारे बेरहम मंहगे होस्पिटल
सरकारी हो जाए
सब को मिले अच्छी सुबिधा
सबका जीवन आसान हो जाए
....milap singh bharmouri
Thursday 11 April 2013
न मचल मेरे िदल
न मचल मेरे िदल न मचल
ये है खाबों का तेरे महल
खाव टूटेगा जाएगा िबखर
कोई उडता है क्या पँखो के िबन
कोई जीता है क्या सांसो के िबन
मान हकीकत तू थाम ले जीगर
न मचल मेरे .....
.....milap singh bharmouri
Wednesday 10 April 2013
खूदा का नाम
िकसको दूर करूं
िकसको नजदीक करूं
जो बस में ही नहीं है
उसे कैसे ठीक करूं
ओर चारा ही नहीं हैं
ओर गूजारा ही नहीं
बस खूदा का नाम लूं
मैं और चुपचाप रहूं
.....milap singh bharmouri
दहर-ए-शरीकी
उजाले की दोस्ती है
अनजान है तारीकी में
यहाँ तक ही पहूंच पाया
सोचा जब भी बारीकी में
इक तू ही साथ है बस
मूझे तेरी ही आस है
यूं तो िकतने ही लोग है
इस दहर-ए-शऱीकी में
.....milap singh bharmouri
Tuesday 9 April 2013
भ्रष्टाचार के खिलाफ
ये ईंटें नही फक्त
इनमे तारिख की
निशानी है
इनमे हैवानों की
हैवानियत है
और देशभक्तों की जवानी है
जरा गौर से देखो इन निशानों को
गोलियां सहती लाशों और दीवारों को
देशभक्ति की ये प्रथा
भ्रष्टाचार के खिलाफ
आज भी हमको निभानी है
Monday 8 April 2013
मिटती क्यों नही गरीबी
Sunday 31 March 2013
समान अवसर नही था
वो कहता है
मेरा बच्चा काबिल था
कामयाबी पा गया है
मै कहता हूँ खुशनसीब था
मौके का फायदा उठा गया है
जब उसका बच्चा
आखर ज्ञान सीख रहा था
मेरा बच्चा
दुनिया की नजरें पढ़ रहा था
कटोरे में भीख मांग रहा था
जब वह मौसम से बेखबर
बंद कमरे में सो रहा था
तब मेरा बच्चा
झुग्गी में
सर्दी -गर्मी , तूफान -ओले से
बाकिफ हो रहा था
जब तेरा बच्चा
रोज-रोज महंगे -महंगे
खिलौने मांगता था
तब मेरा बच्चा
कूड़े के ढेर में
कोई खजाना खोजता था
अरे ! तू बोलता है
यहाँ अवसर की समानता है
तू क्यों झूठ पे झूठ बोलता है
मेरा बच्चा तो स्कुल जा ही न सका
और तूने माया के बल से लिया पढ़ा
फिर ये कैसी समानता है
समझ नही आता ये कैसी अज्ञानता है
मुझे यकीन है मेरा बच्चा तेरे बच्चे से
कहीं ज्यादा चतुर था
पर अफ़सोस !
दोनों के लिए
जिन्दगी का
समान अवसर नही था
मिलाप सिंह भरमौरी
Saturday 30 March 2013
या मै अनपढ़ हूँ
या मै अनपढ़ हूँ
इसलिए मुझे बात समझ नही आती
या वो बडबोला है
बस वह बोलने का ही है आदि
वो कहता है यहाँ पर
हर आदमी समान है
मै कहता हूँ के वह
इस दुनिया से ही अनजान है
या वो अनजान है
या अनजानेपन का ढोंग करता है
या मानसिकता कलुषित है
या उसके मन में
कोई रोग पलता है
क्या वो अँधा है
रोज उसे अपने महल से निकलते
रास्ते में मेरी झुग्गी दिखाई नही देती
क्या वो बहरा है
उसे मेरे भूखे बच्चे की
रोने की आवाज सुनाई नही देती
वो अक्क्सर कहता है
कभी अखवारों में
कभी टी. वी. पे
कभी भूखों की भीड़ में
इन्ही बाजारों में
कि यहाँ पर सब इन्सान बराबर है
मिलाप सिंह भरमौरी
Thursday 28 March 2013
रिश्ते बड़े हिन् (bharmouri boli me )
रिश्ते बड़े हिन् निभाने ताये
बस निभाने रा गाओं करना ता
जे निभाने रा गाओं करना ता
फिरि लचर -पचर करना ना
जे दुनिया मंज अम्मा -बापू बनना
ता अपना फर्ज भी पूरा करना
बच्चे रा पालन -पोषन करना
वादिया स्कूला मा दाखल करना
जुए -शराबा कनारी मनुआ
हथ्थ कदी भी करना ना
जे दुनिया मा धीऊ -पुत्र बनना
ता अपना फर्ज भी पूरा करना
अम्मा -बापू रा हेर उपर रखना
कदी कस्सी रे ना थल्ले करना
तुन्दे भुन्दे प्यारे मनुओ
तिन्याँ जो पेया कदी हथ्थ तडना ना
रिश्ते बड़े हिन् निभाने ताये
बस निभाने रा गाओं करना ता
जे निभाने रा गाओं करना ता
फिरि लचर -पचर करना ना
Wednesday 27 March 2013
बड़ी हड्ड जलाऊ हा ( bharmouri boli me )
बड़ी हड्ड जलाऊ हा इंदी कमाई
ऐवा-कुऐवा मा ऐ ना गवानी
वेही करी हाना ताई कंटीना मा
अनर्थे- व्यर्थे तुसु ना लुटानी
क्जोकी बुरे री सोग बुरी ही भुन्दी
बुरे सोगी ना आंटचारी लानी
पढ़ा -लिखा ,भाईओं अघुं बदा
पर अपनी पहचान ना कदी भुलानी
Monday 25 March 2013
एक गाल पर हरा रंग लगाता
एक गाल पर हरा रंग लगाता
दूजे को करता लाल
चुनरी कुर्ती भिगो देता सब
और उलझा देता बाल
बस-बस मत -बस करती तुम
पर बस न करता मै
सोच आज मै तेरे साथ जो होता
क्या होता तेरा हाल
आपको और आपके सारे परिवार को मेरी ओर से होली की बहुत-बहुत मुबारक
milap singh bharmouri
लाल -गुलाला री (holi gaddi boli me )
लाल -गुलाला री
होली खेडी
औडन करे खराब
गोबरा रा नील
मुँहा पुर फेंकू
साबने दिता जबाब
जे भक्ति रे रंगा री
होली जे खेड्डिया
खुश भून महाराज
मन ते हिरदे
जगमग लिश्कन
अघुहं बदा समाज
Sunday 24 March 2013
चलुरा तूफान (bharmouri boli ki kavita)
चलुरा तूफान
सोगी लगूरी झड़ी ओ
होना नई गुजारा
मनु रख्खा थल्ले खड़ी ओ
भो न उदास तू
ते छड मत आस तू
मुकना ऐ फेरा तेरा
मुक्दरा जो लड़ी ओ
सुख -दुःख मना
सब दितुरे तीसरे हिन्
जो भी हा घड़ी मन
हा सो खरी ओ
करना की मान इस
जिन्दगी जुआरी रा
पानी रे ने मोती
हा री हा लड़ी ओ
milap singh bharmouri
Friday 22 March 2013
माओ रा प्यार (gaddi boli ki kavita )
सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा
माओ रा प्यार
इट्ठी हा कशी
इट्ठी हा सुरग
इट्ठी हा मनुआ
हरी रा द्वार
मुसुकेहे बशाना जो
खुशबू बल्दी
बच्चे जो हुक्के
कनारे करदी
सिन्ने मा अपने
बरेख्खा जो धरदी
दिन्दी माँ बच्चे जो
अमृत री धार
सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा
माओ रा प्यार
जेहने माँ बच्चे जो
उदास हेरदी
टिपले सोगी
हाखरी जो छेडदी
कदी सो कोई काडू पिलान्दी
कदी मुंडा पुर
पिपली परेडदी
पल्ला मंज करदी सो
टूने हजार
सब्बी तोउ चनना
सब्बी तोउ निराला
सब्बी तोउ मिट्ठा
माओ रा प्यार
milap singh bharmouri
Thursday 21 March 2013
शैल बड़े थिए ( gaddi boli ki kavita )
शैल बड़े थिए बचपना रे धियाड़े
हर मौके -मौज उडांदे थिए
इन्दे-गंदे स्कूला जो
सेओ ते चीर चुरांदे थिए
रंग -बरंगी कहानी री जेहने
हानी सोगी गप्पा पेंदे थिए
गांगी,बैलू ,कुक्नू ताऊ
फिरि बड़ा उजाडा क्रांदे थिए
अम्मा -बापू ,दादू -दादी
जेहने कोई कम बतांदे थिए
स्कूला रा कम करना लगुरे
बड़ा शैल बहाना बनांदे थिए
घरावाले हीता तोऊ बचाने तांऐ
थुल्ले-थुल्ले ओडन लोआँदे थिए
पर असे चोरी -चोरी मोटे तोऊ
बत्ता मंज स्केट च्लांदे थिए
मिलाप सिंह भरमौरी