milap singh

milap singh

Tuesday 30 September 2014

तेरी आँखों में


तेरी आँखों में न जाने
कितनी गहराई है
कि इनमें मैं डूबता ही चला जाता हूँ

तेरे चेहरे पर नूर है लाखों तारों का
देखते देखते न जाने
क्या क्या मैं इनमें देख जाता हूँ

झूम जाता हूँ मैं तेरी चाल की लहरों से
फिर दिल कहीं जीगर कहीं
मैं अपना फैंक आता हूँ

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 29 September 2014

दिल करता है

जब किसी से
बातें करने को दिल करता है

जब किसी से
हरपल मिलने को दिल करता है

बहुत सुहाना रिश्ता
होता है दिल का वो

जिसमें हर पल किसी के
खावों में रहने को दिल करता है

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 28 September 2014

योग पद्धति

तोफों बम बंदूकों से
कब होता है उपकार

इनसे तो बस होता आया
विनाश और जन संहार

अगर शांति स्थिरता
लानी है जगत में तो

भारतीय योग पद्धति पर
तू कर ले विचार

---- मिलाप सिंह भरमौरी

हिन्दोस्तानी है


गर्व है कि हमको कि हम हिन्दोस्तानी है
अमनो -चैन- इमान यहां की निशानी है
प्यार से रहते हैं यहाँ मिलजुल कर सब
वरना अब भी दुनिया इससे अनजानी है

      ---------- मिलाप सिंह भरमौरी

भारत की तरफ

निशाना सटीक है हमारा
टैक्नोलॉजी भी एडवांस है हमारी
मत देख बुरी नजर से सरहद की तरफ
वरना आंखें नोच लेंगे तुम्हारी

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 27 September 2014

Love jehad

Hindi shayari
☆☆☆☆☆☆☆

यह तो सच है कि मोहब्बत में
कोई मजहब या जात नहीं होती

यह तो उन्मुक्त पतंग है
जिसकी डोरी किसी के हाथ नहीं होती

पर पहले मोहब्बत फिर शादी और
फिर जबरन धर्म को बदल देना

लव जेहाद नहीं तो ओर क्या है यह
पाक दिल में तो ऐसी कोई बात नहीं होती

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 26 September 2014

दौलत का नशा


जब दौलत का नशा सिर चढ जाता है
फिर भाई का दुश्मन भाई बन जाता है

रोज होती  है कोर्ट -कचहरी  की बातें
रोज किस्सा दो  गज  का बन जाता है

फिर भूल  जाते हैं सब आगे  पीछे का
बस  बदले  के लिए  मन ठन  जाता है

क्यों भूल जाते हैं इंसानियत को इंसान
ये दौलत का खजाना कब संग जाता है

    ---------- मिलाप सिंह भरमौरी

मेड इन इंडिया

दहाड रहा है इंडिया का शेर
इसके आगे होगे सब ढेर

हर चीज पे होगा मेड इन इंडिया
कुछ दिनों की है बस अब देर

लोग भूल जाएंगे ओरो का ठप्पा
सारी दुनिया मांगेगी भारत का मेक

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 25 September 2014

तिनका

गलती तो तिनके की है
जो खुद को पर वाला समझता है

वरना उसको तो उडाने में
सब जोर तुफान का लगता है

आखिर जी भर जाता है
तुफान का  खेल के कुछ पल

और नासमझ तिनका फिर
औंधे मुंह जमीन पे गिरता है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 24 September 2014

नवरात्रो की बधाई

नवरात्रो की हो सबको बधाई
हो गए हैं आज से प्रारंभ

सबपे बनी रहे माता की कृपा
कष्ट मिटा दे सबके अविलंब

घर -घर में बसे सरस्वती
हर घर में पडे लक्ष्मी के कदम

घर- घर लहराए धर्म पताका
मंगलमय हो नवरात्रो के दिन

----- मिलाप सिंह भरमौरी

इसरो के नाम

आज मंगल पर जब लहराया तिरंगा
तो सारा विश्व रह गया हमसे हैरान

यूंही नहीं कहते हैं सभी
कि मेरा भारत देश महान

इस खुशी के मौके को हम कैसे करें व्यान
इसरो के सभी वैज्ञानिको को
तह - ए - दिल से हमारा विनम्र प्रणाम

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 23 September 2014

मंगल अभियान

हम नहीं हैं किसी से कम
पहुंच गए हैं आज मंगल पर
सबसे कम बजट में अभियान किया
गर्व है मेड इन इंडिया पर
जो देश अपने पर इतराते हैं
इससे ज्यादा में तो फिल्म बनाते हैं
इसरो ने पहली ही बार में
कर दिया वो कमाल
जिसके लिए ओरो ने
लगा दिए कितने ही साल
सारे देशवासियो खुशी मनाओ
आज के बाद हमेशा स्वदेशी अपनाओ

----- मिलाप सिंह भरमौरी

हिन्दू दर्शन


हो रहा गांव मोहल्ले में
रामायण का मंचन

लहरा रहा धरा पर
भगवा हिन्दू धर्म का परचम

नवरात्रो की हो हार्दिक
बधाई सभी को

यूहीं उजाला फैलाता रहे
अपना हिन्दू दर्शन

  ---- मिलाप सिंह भरमौरी

Choti ke bal


दो दिन क्या दूर रहे
ख्याल बदल गए हैं

सिर की लम्बी चोटी के
बाल बदल गए हैं

अभी अभी आया हूँ
और जाने को पूछते हैं

हैरान हूँ कि यार के
सबाल बदल गए हैं

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 22 September 2014

Sadma teri judai ka


सदमा तेरी जुदाई का
न हमसे सहा जाएगा

बिछुड कर एक पल भी
न हमसे रहा जाएगा

देख तू भूल कर भी
बिछुडने की न सोचना

क्योंकि लफ्ज पानी भी
न हमसे कहा जाएगा

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 21 September 2014

भारत देश महान


मत बन दुनिया तू अनजान
भारत देश है सबसे महान

जगह जगह गाड रहा तिरंगा
चंद्र हो या मंगल अभियान

गंगा यमुना है तहजीब हमारी
सर्व धर्म है भारत के प्राण

इक मानवता ही तो है मूल धर्म
बांट रहा है यह सबको ज्ञान

----- मिलाप सिंह भरमौरी

बेबफाई ही सही


तेरे प्यार की सौगात
रुसवाई ही सही

मुझे महफिल न मिली
तन्हाई ही सही

चलो ऐसा तो नहीं
के कोई ताल्लुक ही न था

तुझसे कुछ तो मिला
बेबफाई ही सही

----- मिलाप सिंह भरमौरी

विश्व शांति दिवस


जोश हो प्रगति के लिए
हथियारों के मुंह खामोश रहे

मानवता की भलाई के लिए
बस कारीगरों के औजार चले

नफरत के बीज न पनप सके
हर मजहब के लिए प्यार पले

विश्व शांति दिवस की आज
सब लोग बधाई स्वीकार करें

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 20 September 2014

दिल की गहराई


दिल की गहराई में कोई
उतरता ही नहीं है

मैं जिसको चाहूँ
मेरा बनता ही नहीं है

मैं कहता हूँ
बदल जा जमाने के साथ

दिल है मेरा कि
बदलता ही नहीं है

- - - - - मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 19 September 2014

नशा तुम्हारा


सुनने वाला अचानक ही
इक झटका सा खा जाता है

जब चली हुई किसी बात में
जिक्र तुम्हारा आ जाता है

वैसे भी कब बस चलता है
जब मन से दिल हट करता है

फिर चढते चढते नशा तुम्हारा
जिस्मो जां तक छा जाता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 18 September 2014

लजीज खुशबू


जब भी पडोसी की रसोई से
लजीज सी खुशबू आती है

अकेलेपन की यह जिंदगी
ओर भी बोझिल हो जाती है

दिल में आता है कि अब
तोड दूं सब अकेलेपन के बंधन

उसको साथ ले आने की
तमन्ना सी हो जाती है

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 17 September 2014

हर पल सोचता हूँ


मैं हर पल सोचता रहता हूँ
तेरे बारे में

क्या तेरे दिल में भी
मेरे लिए कुछ ख्याल आता है

मैं कौन हूँ क्या लगता हूँ तेरा
इस तरह का कभी मन में
सवाल आता है

मैं तो बस तुमको ही पाता हूँ
चाहे जिधर भी नजर उठा लूं

क्या तेरी धडकनो में भी
मुझे देखकर कुछ उछाल आता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 16 September 2014

Aman ki ujale


कश्मीर के लोग अब
अपनी इस फौज के दिवाने हो रहे हैं

यह देख के चंद लोगों के
मुंह काले हो रहे हैं

रुकावट डाल रहे हैं वो
राहत के पाक कामों में

डर गए हैं वो देख के
घाटी में तो अमन के उजाले हो रहे हैं

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 15 September 2014

Bhart ki fouj


हिम्मत से फर्ज निभाती है
युद्ध हो या कुदरत का खौफ
सबसे काबिल सबसे बहादुर
नम्बर वन पर भारत की फौज

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 14 September 2014

दूर रहने से


प्यार दूर रहने से
ओर भी बढ जाता है

हर घडी साथ रहे तो
सिर खाता है

जान निकल जाती है फिर
चढने और उतरने में

दूर से तो पर्वत
सबको खूब भाता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 13 September 2014

हिंदी दिवस

भारत माँ के माथे की बिंदी
राजभाषा है अपनी हिंदी
कितनी ही भाषाओं का निचोड है इसमें
अवधी मगधी या हो फिर सिंधी

----- मिलाप सिंह भरमौरी

दूरी


कल मन फडफडाया था बहुत
तुमसे मिलने को

इसलिए कदम भी बढा दिए थे
तेरी ओर मैंने

मगर फिर देखा
दूरी बहुत थी तेरे मेरे बीच में

इसलिए रोक लिए कदम
दवा लिया दिल का शोर मैंने

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 12 September 2014

रूप में

Hindi shayari
@ @ @ @ @ @ @

बात ही कुछ खास है
इस मेरे रूप में

यूहीं नहीं रहता खडा तू
मेरे लिए धूप में

सिला तो मिले जरूर तुझे
इस तेरे प्यार का

पर क्या करूँ
गोली हमेशा रखता है भरकर
मेरा भाई बंदूक में

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 11 September 2014

कुदरत

कुदरत दोबारा ऐसा
दस्तूर न दिखाए

किसी के दिल पे ऐसा
नासूर न बनाए

कि बस बेबसी दिखे
कदम कदम पे हरपल

खुदा किसी को ऐसा
मजबूर न बनाए

------ मिलाप सिंह भरमौरी

रूप में


कुछ खास बात है जरूर
इस तेरे रूप में

यूहीं नहीं रहता मैं खडा
तेरे लिए धूप में

कुछ तो सिला मिले जालिम
इस मेरे प्यार का

रोज पैसे चुरा के आता हूँ मैं
बापू के संदूक से

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 10 September 2014

रुह


वो रूह ही काफिर होगी
गर अब भी न समझ पाए नियत

वरना ऐसी जांनिसारी से तो
पत्थर भी पिघल जाता है

कैसे व्यान करूं मैं तारीफ
अपने जांबाज जवानों की

जिनकी ललकार के आगे
कुदरत का भी सिर झुक जाता है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

जवान

Hindi shayari
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जिन जवानों पर मिल कर
तुमने कई बार पत्थर बरसाए हैं
देखो विपता की घडी में
वही आज काम तुम्हारे आए हैं

------- मिलाप सिंह भरमौरी

सलाम आर्मी

जिस वर्दी को देख कर
यूंही उठा लिया करते थे
भीड में पत्थर
या अल्लाह ! बच गए
महसूस होता है
उसी को आज देख कर

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 9 September 2014

कर्म क्षेत्र की ओर


पेड मुंडेर पे बैठे पंछी
कर रहे हैं सूरज की वंदना

अलसाई आंखे खोल के देखो
सुबह आई है तेरे अंगना

तुम उठो भाग्य के वीर उठो
यश पुण्य से स्नान करो

विजय का तिलक लगाकर तुम
कर्म क्षेत्र की ओर बढो

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 8 September 2014

सलामती चाहता है


दर्द न हो उनको जरा भी
रूह डरती है

अपनो की चिंता
हमेशा मन में रहती है

हर पल सलामती
चाहता है मन उनकी

इसको ही तो लोग
असली दुनिया कहते हैं

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 6 September 2014

बेटे की मां


वो बेटा लालची है या निकम्मा है
जो अपने बूढे बाप से काम करवाता है

उस बीबी की सुंदरता किस काम की
जो भडक उठे जब पति मां से मिलने जाता है

तू भी तो इक मां है  बेटे की
क्यों भूल रही है बुढापा सबको आता है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

आपका गम


कब रहे थे काम के हम
जब मिले थे तुमसे

वो तो जी गए जहान में
कुछ दिन बाप के दम से

जुर्रत क्या थी खुदा की
कि जो उठा लेता यूं बेवक्त

हम तो मर गए थे सनम
सिर्फ आप के गम से

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 5 September 2014

Had me


हद में चाहत हद में नफरत
और हद में अच्छी
हर चीज होती है
तुम हद में रह कर किया करो हरकत
फिर मत कहना
कि किस्मत बदतमीज होती है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

कम लगता है


कम ही लगेगा सारा जीवन फिर भी
चाहे सौ साल भी यहां कोई जी जाए
कल की ही बात लगेगी हर घडी उसे
चाहे अंत समय सिर पर ही आ जाए

- - - - मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 4 September 2014

तुम जो हंसती हो तो


तुम जो हंसती हो तो
मौसम-ए-बहार आता है

तुम जो हंसती हो तो
कलियों में निखार आता है

यूंही मत मुस्कुराया करो
तुम गैरों के बीच भी

तुम जो हंसती हो तो
बेकाबू सा प्यार आता है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 3 September 2014

Jindgi me

Hindi shayari
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जिंदगी में कई बार
कितने ही मजाक होते हैं

पर उनको फर्क नहीं पडता
जिनके दिल साफ होते हैं

आपसी भरोसे से ही तो चलती है
यह रिश्तों की गाडी

शक से तो अक्सर
दुनिया में तालाक होते हैं

----- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 2 September 2014

सितंबर

आया   महीना   सितंबर
बदल  गया सब   मंजर
राहत  मिली  पसीने  से
निकल गया गर्मी का खंजर

---- मिलाप सिंह भरमौरी