milap singh

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Tuesday 9 September 2014

कर्म क्षेत्र की ओर


पेड मुंडेर पे बैठे पंछी
कर रहे हैं सूरज की वंदना

अलसाई आंखे खोल के देखो
सुबह आई है तेरे अंगना

तुम उठो भाग्य के वीर उठो
यश पुण्य से स्नान करो

विजय का तिलक लगाकर तुम
कर्म क्षेत्र की ओर बढो

------- मिलाप सिंह भरमौरी

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