milap singh

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Saturday 23 November 2019

सफर



खाली नहीं है हम जी 

हम भी काम करते हैं।

पलकों के चौराहे पे

सपनों की दुकान करते हैं।

बेसफ़र के पाँव में तो

कभी शाले नहीं होते

यह उनकी है कमी जो

मंजिल को सलाम करते हैं।

मिलाप सिंह भरमौरी





Wednesday 20 November 2019

खाव

तलाश जारी है मगर गुम क्या है।

कुछ खोया है हरपल भ्रम - सा है।

अधूरा ही रह गया लफ्ज़ ज्यादा यहां


हर कोई कहता अभी कम - सा है।

यह भीड़ इतनी क्यों लगती है अजनबी


जब पता है हर ज़र्रा तुम - सा है।

बदल जाता है कब यह पता नहीं चलता


खाव कितना जहां में नरम - सा है।

      ~मिलाप सिंह भरमौरी~


Sunday 3 November 2019

प्रदूषण

सभी पब्लिक  ट्रांसपोर्ट सरकारी होनी चाहिए,
और किराया होना चाहिए उसका कम से कम।
ताकि प्राइवेट वाहनों  के बारे में लोग सोचे ही न,
और आराम से ले सके हम सभी दिल्ली में दम।।

........ मिलाप सिंह भरमौरी