milap singh

milap singh

Sunday 31 August 2014

खावों में जब


आप  खावों  में  मेरे  जब आते  हैं
फूल  खुश्बू  और  रंग बन  जाते हैं
हर  तरफ  खुशियाँ  नजर आती हैं
और गम  के बादल भी छंट जाते हैं

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 29 August 2014

मोहावत है खुश्बू की तरह


मोहावत को जताने के लिए
कब लफ्जों की जरूरत रहती है

यह तो है खुश्बू की तरह
इसे नजरें भी अच्छे से कहती हैं

इसकी जद में आ कर के सब
खोए खोए से मस्ती में रहते हैं

इसमें उलझे हुए को फिर कब
दुनिया की खैर खबर कुछ रहती है

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

दिल की बात


मौसम जब बदलता है
खुद महसूस होने लगता है

जब बच्चे को भूख लगती है
वो भी तो रोने लगता है

दिल की बात को भी दिल
खुद ही जान लेता है

जब कोई अच्छा लगने लगता है
खुद बेकाबू होने लगता है

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 28 August 2014

खूबसूरत पल


बहुत खूबसूरत होते हैं
पल तेरे दिदार के
जैसे जन्नत को पा जाता हूँ मैं

तेरा रूप लगता है
जैसे खुशियों का दरिया
खो कर उसमें समा जाता हूँ मैं

ऐसा महसूस होता है मुझे
कुछ तेरे करीब आने से
जैसे खुदा को ही पा जाता हूँ मैं

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

धर्म को मत बदलो

धर्म को मत बदलो
धर्म में बदलाव करो

क्यों सांई का इशू बनाते हो
दलित समस्या की ओर ध्यान करो

इक ओर धर्म संसद बुलाओ
इक ओर महासंगीती का आह्वान करो

महाकुरीती बन चुकी है यह जातिप्रथा
इस महाकुरीती का कुछ समाधान करो

इसके कारण ही धर्मान्तरित हुए हैं सब
तुम जान के मत अनजान बनो

धर्म को मत बदलो
धर्म में बदलाव करो

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 27 August 2014

किस तरह मिलूंगा


मैं अक्सर सोचता हूँ तन्हाई में
कि यह बातें करूंगा तुमसे

खुल कर कह दूँगा हर बात
कल सुबह जब मिलूंगा तुमसे

पर फिर चुप रह जाता हूँ मैं
रोज की तरह यह सोचकर कि

अगर खफा हो गई मुझसे तो
फिर किस तरह मिलूंगा तुमसे

-------- मिलाप सिंह भरमौरी

तुझको देखे बिना


तुझसे अच्छा कोई
लगता ही नहीं है

तेरे सिवा कोई ओर
जंचता ही नहीं है

कैसे पलको को उठा लूं
मैं तेरे चेहरे से

कि तुझको देखे बिना
जी भरता ही नहीं है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 25 August 2014

रुह तक


हर पल तुझे सोचता रहता हूँ
मेरी धडकनो में समा गई है तू

हर कहीं तुझको ही देखता हूँ
मेरे जिस्मो जां में छा गई है तू

अब तुम्हें पा लूं या नहीं पा लूं
कुछ फर्क नहीं पडता है मुझे

तन को छू कर मन से मेरे अब
जर्रे जर्रे रुह तक आ गई है तू

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Sunday 24 August 2014

मोहावत सब कुछ


मोहावत  सब कुछ नहीं है जमाने में
मन लगाओ यार तुम कुछ कमाने में
वरना कृष्ण शादी न करता राधा से
क्यों लेते हो नाम उनका हर बहाने में

       ------ मिलाप सिंह भरमौरी

Friday 22 August 2014

विद्या पद्धति

शांति समृद्धि भक्ति की प्रर्थना से
शुरू होता है विद्यार्थी का दिन
भारत की सनातन विद्या पद्धति
निखार रही है बच्चों का  जीवन

Thursday 21 August 2014

पहचान

तू सिर्फ फूल नहीं है डाली का
इस गुलशन की शान है तू
धडकन कैसे कह दूँ तुझको
मेरी तो सच जान है तू
लोग तेरे नाम से मुझे पुकारे
तुझे देख के मुझको इशारे
तू नहीं हैं मुझसे जरा जुदा    
मेरी तो अब पहचान है तू

Thursday 14 August 2014

शहीद

आदमी वो अपने दम से
महान हो जाता है

अपने देश अपनी मिट्टी की
वो शान हो जाता है

मरता तो हर कोई है
इस दुनिया में आकर

पर शहीद वही है जो
देश के लिए कुर्बान हो जाता है

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

        - - - मिलाप सिंह भरमौरी

Swtantrta divas


घर घर में आए खुशहाली
और आगे बढता रहे समाज

सूरज बन कर जग में चमके
अपने भारत देश की शान

स्वतंत्रता दिवस की सबको बधाई
सभी शहीदों को दिल से प्रणाम

------ मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 13 August 2014

भागवत गीता


जिंदगी में खुशियाँ बहुत है
पर उलझने भी बहुत आती है

ऐसे फंसते है पैर कीचड में
कि आसान रास्ते भी उलझ जाते हैं

जिंदगी दिखती है फिर
अंधेरे में इक सितारे की तरह

कर्म के उपदेश हमें जब
पवित्र भागवत गीता सुनाती है

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

Tuesday 12 August 2014

दिमाग की बत्ती


दिलो दिमाग की
बत्ती गुल हो जाती है

परिस्थिति जब भी
टेंशन से फुल हो जाती है

छोड देते हैं हम भी
सब फिर उस रव पर

सारी की सारी चिंता
पल में गुम हो जाती है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Monday 11 August 2014

दर्दे दिल

Hindi shayari
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उसके ख्याल में ऐसा भी
रखा क्या है

कि कुछ पता नहीं चलता
कोई कहता क्या है

तोड दे खामोशी अब
कह दे दिल की बात उससे

नासूर बन जाएगें जख्म
दर्दे दिल सहता क्या है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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Sunday 10 August 2014

Fir aaya yaad


फिर आया अजनबी कोई याद मुझे
फिर मिला कोई वर्षों के बाद मुझे

फिर हुई जीने की तमन्ना मुझको
फिर मिला जिंदगी का साज मुझे

फिर मेरी धडकनो को रफ्तार मिली
फिर छू गया दिल से कोई आज मुझे

फिर मिली मुझको इक नूरे छपक
फिर मिला कोई हसीन आफताब मुझे

फिर से जिंदगी को मैंने पहचाना है
फिर मिला जीने का कोई राज मुझे

------- मिलाप सिंह भरमौरी

सलाह


एक सलाह  देता हूँ

सलाह मान लो

बिना मांगे किसी को

मत  सलाह दो !!!!!!

--- मिलाप सिंह भरमौरी

Saturday 9 August 2014

रक्षा बंधन

मुँह में मिठाई है और माथे पर है चंदन
राखी से लग रही कलाई ओर भी चंचल
सुख और समृद्धि की कामना के साथ    
सभी भाई बहनों को मुबारक रक्षाबंधन

Friday 8 August 2014

ताजमहल


शाहजहां की अय्याशी को
यह बारीकी से दर्शाता है

दुनिया के नक्शे पर जो
ताजमहल कहलाता है

लोगों को झौंपड नसीब नहीं थे
भूखे नंगे रहते थे

और इश्क की खातिर कब्र पे वो
लाखों करोडों लुटबाता है

     ------ मिलाप सिंह भरमौरी

टूटे हुए इस दिल को कैसे


भूल तो जाऊं मैं तुझको
पर इस दिल को कैसे समझाऊँगा

वो प्यार के वादे झूठे थे सब
कैसे इसको बतलाऊंगा

यह तो अब भी तुमको चाहता है
सह न पाएगा तुमसे बिछुडना

टूटे हुए इस दिल को कैसे
मैं किन बातों से बहलाऊंगा

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Thursday 7 August 2014

Mumkin nhai hai

मुमकिन नहीं है
अब तुम्हें भूल जाना
भूलाने के लिए
खुद को भूल जाना पडेगा
कयामत के आगे
गिला क्या करें
इश्क के लिए
सिर को कटाना पडेगा
खोकर के खुद का
खाक में सब कुछ
वादा बफा का
हमको निभाना पडेगा

---- मिलाप सिंह भरमौरी

Wednesday 6 August 2014

Tere bagair


दिल के दो टुकडों को
हम न सी सकेंगे

आंसुओं के धारो को खुद
हम न पी सकेंगे

छोड कर न जाना हमें कभी
तन्हा तेरी कसम

कि तेरे बगैर हम तो
दो पल भी न जी सकेंगे

------ मिलाप सिंह भरमौरी