milap singh

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Sunday 10 August 2014

Fir aaya yaad


फिर आया अजनबी कोई याद मुझे
फिर मिला कोई वर्षों के बाद मुझे

फिर हुई जीने की तमन्ना मुझको
फिर मिला जिंदगी का साज मुझे

फिर मेरी धडकनो को रफ्तार मिली
फिर छू गया दिल से कोई आज मुझे

फिर मिली मुझको इक नूरे छपक
फिर मिला कोई हसीन आफताब मुझे

फिर से जिंदगी को मैंने पहचाना है
फिर मिला जीने का कोई राज मुझे

------- मिलाप सिंह भरमौरी

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