milap singh

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Sunday 24 March 2013

चलुरा तूफान (bharmouri boli ki kavita)


चलुरा तूफान 
सोगी लगूरी झड़ी ओ
होना नई गुजारा
मनु रख्खा थल्ले खड़ी ओ

भो न उदास तू
ते छड मत आस तू
मुकना ऐ फेरा तेरा
मुक्दरा जो लड़ी ओ

सुख -दुःख मना 
सब दितुरे तीसरे हिन्
जो भी हा घड़ी मन
हा सो खरी ओ

करना की मान इस
जिन्दगी जुआरी रा
पानी रे ने मोती 
हा री हा लड़ी ओ


milap singh bharmouri

1 comment:

  1. sahi kaha aas nahi chhodni chahiye.आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें होली की शुभकामनायें तभी जब होली ऐसे मनाएं .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

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