milap singh

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Friday 2 January 2015

Gumsum bhi


कभी अपनी ही
धुन में रहता है
कभी गुमसुम भी यह रहता है
चाहे जो भी हो
इस दिल का आलम
हरपल तुझमें ही यह रहता है

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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