milap singh

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Sunday 16 February 2014

gam bhi aaye to

गम भी आए तो जिंदगी में सजा लूंगा
मै तेरा प्यार हूँ तुझको  न दगा दूंगा

बेबफा हो जाए दुनिया   वाले तो क्या
मै तेरे प्यार से ही  किसमत बना लूंगा

दे गई तू जो दगा मोहाबत में मुझे
अपना वजूद ही दुनिया से मिटा दूंगा

आके तो देख मेरी जिंदगी में जानेमन
गम तेरे मै सारे के सारे मिटा दूंगा

थाम  ले तू मुझे तो वो जन्नत क्या
इस जमीन को ही मै जन्नत बना दूंगा

किया जो जिक्र खुदा   ने तेरी  जफ़ा का
मै बात कोई तेरी सफाई में सुना दूंगा

करोगी वादा न पूछने का जख्मो के बारे में
हरेक गम में रफ्ता रफ्ता भुला दूंगा

मिलाप सिंह भरमौरी 

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