milap singh

milap singh

Tuesday 27 May 2014

भरमौर

इस दो वक्त रोटी ने
बागी बना डाला
वरना छौड के तेरी मिट्टी को
भला जाता कौन ?
ऐ ! भरमौर, ऐ ! भरमौर

तू ही तो है जन्नत
तू ही तो है मेरी मन्नत
तुझसे भला सुन्दर
है यहाँ कौन ?
ऐ ! भरमौर, ऐ ! भरमौर

---मिलाप सिंह भरमौरी

No comments:

Post a Comment