milap singh

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Friday 2 June 2017

ई वी एम शायरी

बेशक घूंघट में रहती है हमेशा,
फिर भी पतित चरित्र पर शक करते हैं ।
ई वी एम दे रही है जो आज सबके सामने,
उसे अग्नि परिक्षा ही तो कहते हैं।

........ मिलाप सिंह भरमौरी

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