milap singh

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Saturday 10 March 2018

वक़्त जुदाई का

दिल धीरे - धीरे घवरा जाता है।

जब वक़्त जुदाई का आ जाता है।


पल साथ बिताए याद आते हैं

और आंखों में पानी आ जाता हैै ।


क्यों खुशियां हर पल देता नहीं है

क्यों कहर खुदा ये ढा जाता है।


दिन की है बस चहल- पहल सब

शाम होते ही अंधेरा छा जाता है।


....... मिलाप सिंह भरमौरी


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