milap singh

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Sunday 1 April 2018

अवसर

यहां तु ही नहीं अकेला है 


कहना ओर भी कई मोड चुके हैं।

अपने किए हुए वादे महफ़िल में 


हजार तोड चुके हैं।

सुना है तरक्की बहुत पा रहें हैं 

वो आज उसी पेशे में।



जो कहते थे सबकी खातिर 


पेशा ही अपना हम छोड़ चुके हैं।

     ...... मिलाप सिंह भरमौरी

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