milap singh

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Monday 2 July 2018

बैठी हुई आँखे हैं

बैठी हुई आँखें हैं

और सूखे हुए गाल।

कुछ ठीक नहीं लगता 

तुम्हारा ये हाल।

जहर बन जाएगा

जो दिल में छुपा रखा है।

तू बाहर बहने दे आंसू

गम अपना निकल।

....... मिलाप सिंह भरमौरी



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