जब जीवन अपना तंग होता है
तब जाकर मोह भंग होता है।
वरना खुशियों के मौसम का तो
अपना ही अलग रंग होता है।
मिलाप सिंह भरमौरी
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जब जीवन अपना तंग होता है
तब जाकर मोह भंग होता है।
वरना खुशियों के मौसम का तो
अपना ही अलग रंग होता है।
मिलाप सिंह भरमौरी
यह मजदूर नहीं आते सड़कों पर
जब तक रोजी - रोटी चलती रहे
पर जब छीनने लगे सरकार नौकरी
तो खुद ही बताओ यह क्या करें???
तेरे वगैर जिंदगी
सूनी सी लग रही थी।
बोझिल से पल थे सारे
मुश्किल हर घड़ी थी।
आने से घर में तेरे
फिर से रौनक सी आ गई है।
सांसे फिर से चल पड़ी हैं
पहले जो रुक चली थीं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
जिनसे मोहब्बत होती है
शिकवे भी उनसे होते हैं।
वरना गैरों से दुनिया में
भला कौन शिकायत करता है।
तुमको भी पता है
इस दिल की हकीकत।
यह दिल तुमसे अब भी
कितनी मोहब्बत करता है।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
रंग - बिरंगे इस धरती पर
फूल प्यारे सजते हैं।
काले- काले बादल जब
पानी बन के बरसते हैं।
आँखे मन करते हैं आँसू
पर फिर भी ठंडक मिलती है।
सच तेरी यादों के पल मुझको
वो अब भी प्यारे लगते हैं।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
पल भर ही सही लेकिन
वाह! क्या समा बन आया था।
दिल के हर कोने में जैसे
खुशियों का रंग छाया था।
जी करता है कि
जिंदगी भर न छूटने दूँ उसको।
अपने हाथों से मेरे गालों पर
कल तुमने जो रंग लगाया था।
..... मिलाप सिंह भरमौरी