milap singh

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Monday 30 June 2014

कुदरत का तंत्र

Hindi shayari

जब  मौसम ने  चलाया वर्षा  यंत्र ।   
सब गर्मी हो  गई पल में छू -मंतर ।।
लोग यूंही सहनशीलता खो देते हैं ।
कभी रुका है क्या कुदरत का तंत्र ।।

  --------- मिलाप सिंह भरमौरी

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