milap singh

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Monday 26 November 2012

APNI MANJIL KI TARAF


अपनी मंजिल की तरफ 



अपनी मंजिल की तरफ रुख करें 
साँस तो है अभी और कुश चलें 

मिल जाएगी जरूर मक्सुदे मंजिल
इरादा कर के अगर तरफ बढें

सारी दुनिया में जो रोशन रहे
आओ दुनिया में काम ऐसा कुछ करे

प्यार में इतना तो लाजमी है मिलाप 
दर्द सहते रहे हम  और चुप रहें

आने वाला कल ही तो नई आस है
बीते कल का क्यों हम दुःख करें



MILAP SINGH

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