milap singh

milap singh

Friday 30 November 2012

tere honton pe




तेरे होंठो पे



तेरे होंठो पे सनम नही क्यों है 
में बेबफा हूँ तुजे यकीन क्यों है 

तेरे लिए में कितनी दूर आया हूँ
तू उसी मोड़ पर अभी खड़ी क्यों है

मैं न छोडूंगा तन्हा तुझे कभी भी 
इजहारे मोहबत से तू डरी क्यों है

किस ख्याल ने तुझे उलझाया है 
तेरी आँखों में ये नमी क्यों है

दिन बदलते ही लोग बदल जाते है 
मेरा दिल जहाँ कल था वहीं क्यों है 

मैं बेबफा नही रुस्बा न होने दूंगा 
फेर के रुख मुझसे तू चली क्यों है

माना तेरे होंठो पे इंकार ही है
फिर भी दिल में कसक सी दबी क्यों है

milap singh


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