milap singh

milap singh

Sunday 2 December 2012

tanhaion ke pal


तनहाईय़ौं के पल


बन के इक आस नई दिल पे छा जाते है
भूले बिसरे लम्हे जब याद आ जाते है

मुझको होती है तुमसे मिलने की खवाइश 
जब तेरे प्यार के पल सपनों में आ जाते है

फिर से जीने की तमन्ना करता है दिल
जब तेरे हुस्न के जलबे झलक दिखा जाते है

फिर से मंजिल की तरफ बनता है रुख 
फिर कई मकसद जहन में मेरे आ जाते है

प्यार जिन्दगी में बड़ा जरूरी है 'मिलाप'
वरन तनहाईय़ौं के पल जिन्दगी खा जाते है 



milap singh

No comments:

Post a Comment