milap singh

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Thursday 4 October 2018

उम्मीद

मेरे मन को हल्का करती है

जब कुदरत रंग बदलती है।

तुम भी तो कुदरत का हिस्सा हो


तू भी इक सुंदर दिल रखती है।

तेरा गुस्सा तपता सूरज है सिर्फ


मुझसे ठंडी चांदनी रातें कहती हैं।

तेरा भी मन बदलेगा जरूर


मेरे दिल से उम्मीदें कहती हैं।

    ....... मिलाप सिंह भरमौरी


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