milap singh

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Monday 8 October 2018

Thokr

मैं जब भी तन्हा होता हूँ।

तेरे सुंदर सपने बोता हूँ।

कभी उड़ता हूँ उन्मुक्त सा होकर


कभी देख हकीकत रोता हूँ।

कभी लगती है हर राह आसान


कभी ठोकर पे ठोकर खाता हूँ।

..... मिलाप सिंह भरमौरी


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