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milap singh
Monday 28 July 2014
कभी कभी नादानियां
कि हर घडी असूल में ही
दोस्त न तुम जिया करो
कभी कभी नादानियां भी
कुछ तो तुम किया करो
कि वक्त से बडा कोई यहाँ
इलाज मरहम इलम नहीं
कुछ सवालों के जवाब तुम
वक्त पर ही छोड दिया करो
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