milap singh

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Sunday 20 July 2014

Honsle ko hwa de

हौसले को हवा दे इसे हताश न कर
बेकार रखकर खुद को लाश न कर

अंजाम कब्र से ज्यादा कुछ भी नहीं   
गलतफहमी में खुद को खास न कर

खत्म हो जाए न अंदर की हवा सब
कि इस कदर भी लम्बी सांस न भर

जो करते हैं मेहनत नाकाम भी होते है   
नाकामियों से खुद को उदास न कर

      ------- मिलाप सिंह भरमौरी

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