milap singh

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Wednesday 11 February 2015

किस डे

आज किस डे है
सोचता हूँ किस को करूं
हर तरफ चर्चा है
क्यों मैं भी पीछे रहूं।

बडी मशक्कत के बाद
ज्ञान के द्वार खुले हैं
जिन्हें किस कर सकूं
हकदार मिले हैं।

एक किस उनके लिए
जिन्होंने यह दुनिया दिखाई है
अपनी खुशियां कुर्बान कर
हमारी काबिल जिंदगी बनाई है।

एक किस उसके लिए
जो सब रिश्ते तोडकर
मेरे पास आई है
सजाकर घर की दीवारों को
जिंदगी महकाई है।

एक किस उनके लिए
जो सबसे हमको प्यारे हैं
जिस तरह हम थे किसी के
वो बच्चे हमारे हैं।

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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