milap singh

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Thursday 5 February 2015

अजनबी भी

मत बनो इतना भी
अजनबी कि

उम्मीद का चिराग भी
बुझा दें हम

थाम रखा है मुश्किल से
चूर चूर दिल यह

कि शन से जमीन पर
इसे गिरा दें हम

तुम्हें नहीं पता
क्या हो तुम हमारे लिए

हर चीज से बढकर हो
तुम हमारे लिए

बस एक बार
मिल जाओ तुम हमें जो तो

फिर न मांगेंगे कुछ भी
तेरी कसम खुदा से हम

---- मिलाप सिंह भरमौरी

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