milap singh

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Thursday 2 October 2014

पेड के नीचे


पेड की  छाया में
पत्थर पर बैठकर

बहुत अच्छी लगती है
मक्की की सरसराहट

आत्मा का जैसे
हो परमात्मा से मिलन

जीवन में आती है
जैसे सकून की आहट

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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