milap singh

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Friday 17 October 2014

बचपन


छोटी छोटी बातों पर जब
जोर से खुलकर रो लेते थे

बचपन के वो दिन
बहुत ही सुंदर होते थे

अपने पराये का पता नहीं था
सब कुछ न्यारा लगता था

चांद सितारों पर चलने के
जब सुंदर सपने बोते थे

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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