milap singh

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Wednesday 22 October 2014

Meri aankhon

मेरी आँखों में तेरा चेहरा है
और जुवान पर हैं तेरी बातें

मेरे दिल में तेरी धडकन है
और मेरे मन में हैं तेरी यादें

अब तुमसे बिछुड कर कैसे रहूं
खुद को मुकम्मल कैसे कहूं

तू रूह में आकर बस गई है
अब तेरे नाम से चलती हैं सांसे

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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