milap singh

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Tuesday 28 October 2014

दिल के दरवाजे पर


दिल के दरवाजे पर अब
किसी के आने की आहट न रही

इश्क के लुत्फ के आगे
अब ओर कोई राहत न रही

इतना चाहा है आपने
इस अदना से आदमी को कि

ओर कोई चाहे दुनिया में हमें
ऐसी कोई चाहत न रही

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

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