milap singh

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Friday 5 December 2014

Aapki yaad


आपकी याद हर घडी
आती है

आपकी सूरत
बहुत मुझको भाती है

हिम्मत कहाँ इसमें
कि सताए हमको किस्मत

बस ये जो बेरूखी है तेरी
थोडी सी मुझे सताती है

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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