milap singh

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Thursday 18 December 2014

Intjaar

यह इंतजार के पल भी
बडे कठिन होते हैं

बस खोए से रहते हैं
न जागते हैं न सोते हैं

इस कद्र भी खूदा तू
उनहें मजबूरियां न देना

कि चाहने वाले अक्सर
बिछुड कर तन्हा रोते हैं

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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