milap singh

milap singh

Thursday 4 December 2014

Vakat ka paband

घडी तो कोई भी
पहन लेता है हाथों में

समय का पाबंद मगर
कोई ही होता है लाखों में

दिल भी होना चाहिए
अंदर से मिसरी की तरह

सिर्फ मिठास ही नहीं
होनी चाहिए बाहरी बातों में

No comments:

Post a Comment