milap singh

milap singh

Tuesday 9 December 2014

Madhur madhur

Hindi shayari
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मधुर मधुर सी याद तुम्हारी
इस तन्हा दिल को बहला जाती है

वो तेरी बातें वो तेरे नखरों से
यह जिंदगी तर तर हो जाती है

पलकों के झरोखों से उड कर के
मैं आ जाता हूँ पास तुम्हारे

फिर सूनी नहीं लगती ये चारदीवारी
जब याद तुम्हारी आ जाती है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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