milap singh

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Monday 1 December 2014

Berukhui


हरपल मेरी आँखों में
आप ही तो रहते हैं

तेरे लिए ही बार बार
आईने के आगे संबरते हैं

तुम्हारे ही रहम से तो
होते हैं हम आबाद

और तेरी बेरूखी से
अब हम सनम उजडते हैं

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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