milap singh

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Tuesday 14 October 2014

जवर तेरा


समुन्दर के किनारे रेत पे लिखा
कब तक आखिर टिक पाएगा

आती हुई लहर से यकीनन
या पैरों से किसी के मिट जाएगा

क्योंकि मद से है अभी आंख भरी
जायज ही लगेगा अपना सब

जोश -जोश में होश कहाँ है
इसलिए खुद को ही मान रहा है रव

पर बेवक्त देखना इक दिन सब
तुझे जवर तेरा दिख जाएगा

----- मिलाप सिंह भरमौरी

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